ई-टिकट दलालों पर रेलवे की पैनी नजर, आरपीएफ हुई शख्त
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
आरपीएफ ने दलालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया
आईआरसीटीसी के 8 एजेंटों सहित 14 दलालों को किया गया गिरफ्तार और 6,36,727 रुपये के टिकट किए गए बरामद
यह अभियान 20 मई 2020 को शुरू किया गया
जमीनी खुफिया जानकारी के साथ जोड़कर प्रबल मॉड्यूल के जरिये किया जा रहा पीआरएस डेटा का विश्लेषण
दिल्ली। भारतीय रेलवे ने जैसे ही 12 मई, 2020 को 15 एसी स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही शुरू की और 01 जून 2020 से 100 जोड़ी अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की घोषणा की है, ई-टिकटों की दलाली के संबंध में शिकायतें मिलनी शुरू हो गई हैं जिसमें अनेक व्यक्तिगत आईडी का उपयोग किया जा रहा है और इन स्पेशल ट्रेनों में आरक्षित बर्थों पर अधिकार जमाया जा रहा है। यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि एक बार 100 जोड़ी ट्रेनों के लिए 21 मई 2020 को आरक्षण शुरू हो जाने के बाद, इन दलालों की गतिविधियां आम आदमी को कन्फर्म ट्रेन रिजर्वेशन उपलब्ध कराने पर प्रतिकूल असर डालेगी।
इसके मद्देनजर, आरपीएफ ने इन दलालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रव्यापी व्यापक प्रयास शुरू किए हैं। जमीनी खुफिया जानकारी के साथ जोड़कर प्रबल मॉड्यूल के जरिये पीआरएस डेटा का विश्लेषण किया गया जिसका इस्तेमाल उन्हें पहचानने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
यह अभियान 20 मई 2020 को शुरू किया गया और देश के पूर्वी हिस्से में अम्फन तूफान के प्रभाव के बावजूद, आरपीएफ 8 आईआरसीटीसी एजेंटों सहित 14 दलालों को गिरफ्तार करने में सक्षम रहा और इनके पास से 6,36,727 रुपये के टिकट बरामद किए गए जिसमें यात्रा की जानी बाकी थी।
आईआरसीटीसी एजेंट टिकटों को अपने अधिकार में रखने के लिए व्यक्तिगत आईडी का उपयोग कर रहे थे और फिर उन्हें अनाधिकृत रूप से प्रीमियम पर बेचते थे। उन्हें ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक दलाल सुपर तत्काल प्रो नाम के ऑटो फिल सॉफ्टवेयर का उपयोग करता पाया गया।