राज्य मे हुई अब तक 04 करोड़ से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग, 06 मेडिकल काॅलेजों में स्थापित ट्रूनैट मशीनों का हुआ लोकार्पण

अनिवार्य प्रश्न । संवाद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 जून 2020 अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के 75 जनपदों एवं 06 मेडिकल काॅलेजों में स्थापित ट्रनैट मशीनों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिला मुख्यालय कोविड-19 की जांच हेतु ट्रनैट मशीनों की सुविधा के साथ जुड़ रहे हैं। इनके अलावा, प्रदेश के 06 मेडिकल काॅलेज-लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी एवं कानपुर में भी ट्रनैट मशीन की सुविधा उपलब्ध हो गयी है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की व्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ करने के राज्य सरकार के प्रयास की अगली कड़ी के रूप मे ट्रनैट मशीनें स्थापित की गयी हैं। इन मशीनों की स्थापना से टेस्टिंग क्षमता बढ़ेगी। साथ ही, प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में, कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सकेगा। 2 मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ट्रनैट आधारित जांच’ का उपयोग मुख्य रूप से सर्जरी एवं अन्य आपातकालीन सुविधाओं हेतु प्रोटोकाॅल के अनुसार किया जायेगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर अविलम्ब उपचार सुनिश्चित किया जाना सम्भव होगा। इस पद्धति के अन्तर्गत प्रति मशीन प्रतिदिन की दर से 24 सैम्पल की जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और इस चुनौती से सफतापूर्वक निपटने में ट्रूनैट मशीनें सहायक सिद्ध होंगी। मशीन की आवश्यकता और महत्व के दृष्टिगत राज्य सरकार ने तेजी से निर्णय लेते हुए इससे सभी जनपदों और 06 मेडिकल काॅलेजों में स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 के अधिकतर मामले मेडिकल इन्फेक्शन के कारण हो रहे हैं। इन मशीनों की सहायता से प्रदेशवासियों को आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने तथा आवश्यक आॅपरेशन से पूर्व मरीजों की कोविड-19 सम्बन्धी जांच की जा सकेंगी। उन्होंने भरोसा जताया कि यह मशीनें राज्य में वैश्विक महामारी कोविड-19 की चेन को तोड़ने में सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रूनैट मशीनों का आकार छोटा होने के बावजूद यह बेहद उपयोगी है। इसमें जांच का परिणाम एक से डेढ़ घण्टे के अन्दर प्राप्त हो जाता है। यह मशीनें टी0बी0 की जांच में भी सहायक हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक देश को टी0बी0 से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार भी इसके लिए प्रतिबद्ध है। टूªनैट मशीनें इसमें भी उपयोगी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि टूªनैट मशीनों कोे प्राइवेट अस्पतालों में लगाने की कार्यवाही भी की जाए।

वर्तमान में राज्य में 23 सरकारी लैब संचालित हैं तथा प्रतिदिन लगभग 15 हजार टेस्ट हो रहे हैं। राज्य में एल-1, एल-2 एवं एल-3 के अस्पतालों में कुल 01 लाख 01 हजार से अधिक बेड उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण पर नियन्त्रण के लिए आवश्यक सावधानी के साथ ही, यह भी आवश्यक है कि कोविड और नाॅन कोविड अस्पतालों में स्वास्थ्य की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध रहे। चिकित्सकों द्वारा नियमित राउण्ड लिया जाए तथा पैरामेडिकल स्टाफ निरन्तर उपलब्ध रहे।
अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रहे तथा प्रतिदिन बेड शीट बदली जाए।

राज्य में अब तक 04 करोड़ से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 15 जून, 2020 तक टेस्टिंग की क्षमता के लक्ष्य 15 हजार को पांच दिन पूर्व ही हासिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने लाॅकडाउन के तहत धैर्य का परिचय दिया है। जनता के सहयोग और विश्वास के आधार पर हम कोविड-19 के संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष में सफल सिद्ध होंगे। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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