जीवन पथ आलोकित कर दो।
कविता: शब्द प्रार्थना के ध्वनियों संग, हिय तंत्री अभिमंत्रित कर दो। सर्जन ज्ञान की दीप शिखा को, ज्योति से अपने ज्योतित कर दो। सदवृत्तियाँ सदा मन,उर उपजे, कलुष दुराचरण खंडित … Read More
कविता: शब्द प्रार्थना के ध्वनियों संग, हिय तंत्री अभिमंत्रित कर दो। सर्जन ज्ञान की दीप शिखा को, ज्योति से अपने ज्योतित कर दो। सदवृत्तियाँ सदा मन,उर उपजे, कलुष दुराचरण खंडित … Read More