चार दिवसीय लाइटहाउस फोटो उत्सव 3 मार्च से नई दिल्ली स्थित एआईएफएसीएस में शुरू
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन प्रकाश स्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय (डीजीएलएल) 3 मार्च, 2024 से 7 मार्च, 2024 तक लाइटहाउस फोटो प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। इस चार दिवसीय लाइटहाउस (प्रकाशस्तंभ) फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग व आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल 3 मार्च (शाम 4रू30 बजे)को नई दिल्ली स्थित एआईएफएसीएस मे किया। इस कार्यक्रम में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपाद वाई नाईक और शांतनु ठाकुर सहित मंत्रालय व डीजीएलएल आदि के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में भारत के विशाल समुद्र तट पर फैले प्रकाशस्तंभों की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को दिखाने वाली 100 तस्वीरों के एक मनोरम संग्रह को प्रस्तुत किया गया। लाइटहाउस फोटो प्रदर्शनी का उद्देश्य प्रकाशस्तंभ पर्यटन को बढ़ावा देना है। मंत्रालय देश के सभी प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों में रूपांतरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए ऐतिहासिक प्रकाशस्तंभों का पर्याप्त सुविधाओं के साथ उनका नवीनीकरण किया जा रहा है। इससे पहले 28 फरवरी को माननीय प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 75 प्रकाशस्तंभों पर विकसित पर्यटन केंद्रों का उद्घाटन किया था। यह भारत के विशिष्ट प्रकाशस्तंभों को मनोरम पर्यटन स्थलों में रूपांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच थी। इस पहल का उद्देश्य इन शानदार संरचनाओं की समृद्ध संस्कृति, विशिष्टता और आकर्षण को प्रदर्शित करना है, जिससे वे पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकें। यह उल्लेखनीय है कि साल 2022-23 में लाइटहाउसों पर पर्यटकों की संख्या बढ़कर 10.24 लाख हो गई, जो साल 2013-14 में केवल 4.34 लाख थी।
एमआईवी- 2030 पहल के तहत प्रकाशस्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय (डीजीएलएल) पूरे भारत में लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इस पहल का उद्देश्य विरासत और समुद्री संग्रहालयों के विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ मौजूदा लाइटहाउस सुविधाओं को वैकल्पिक उपयोग के लिए फिर से इस्तेमाल करके पुनर्जीवित करना है। इस परियोजना के तहत कई प्रकाशस्तंभों को आकर्षक पर्यटन स्थलों में रूपांतरित करना है। इनमें तमिलनाडु स्थित चेन्नई, केरल स्थित अलेप्पी, कन्नूर, विझिंजम, थंगासेरी व वाइपिन और ओडिशा स्थित चंद्रभागा शामिल हैं। इसके अलावा समुद्री अमृत काल विजन- 2047 का उद्देश्य पर्यटन स्थलों के लिए प्रकाशस्तंभ को विकसित करना भी है। आगंतुकों को प्रकाशस्तंभों के समृद्ध इतिहास व महत्व को गहराई से जानने, समकालीन फोटोग्राफी के माध्यम से उनके सांस्कृतिक, स्थापत्य और नेविगेशनल महत्व की खोज करने का अवसर प्राप्त होगा। इस फोटो प्रदर्शनी में सभी के लिए निःशुल्क प्रवेश है।