'Heritage' dedicated to the nation

‘धरोहर’ राष्ट्र को समर्पित


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने  गोवा में राष्ट्रीय सीमा शुल्क और जीएसटी संग्रहालय- “धरोहर” को राष्ट्र को समर्पित किया। इस समर्पण समारोह एक अनोखे तरीके से संपन्न किया गया। वित्त मंत्री ने सदियों पुरानी विरासत भवन में स्थापित एकल रॉक कला से सुनहरी रेत को हटाकर इसी भवन में स्थित संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित किया। दो मंजिला ‘ब्लू बिल्डिंग’, जिसे पहले गोवा में पुर्तगाली शासन की अवधि के दौरान अल्फांडेगा के नाम से जाना जाता था, 400 से अधिक वर्षों से पणजी में मंडोवी नदी के तट पर स्थित है।

इस समर्पण समारोह में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और गोवा सरकार में परिवहन, पर्यटन और पंचायत मंत्री मौविन गोडिन्हो उपस्थित थे।

धरोहर देश में अपनी तरह का एक अलग संग्रहालय है जो न केवल भारतीय सीमा शुल्क द्वारा जब्त की गई कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है बल्कि देश की आर्थिक सीमाओं, इसकी विरासत, वनस्पतियों एवं जीवों और समाज की रक्षा करते हुए सीमा शुल्क विभाग द्वारा किए गए कार्यों के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाता है। ‘धरोहर’ में 8 दीर्घाएं हैं जैसे: परिचयात्मक दीर्घा, कराधान इतिहास दीर्घा, हमारी आर्थिक सीमा संरक्षक दीर्घा, हमारी कला और विरासत के संरक्षक, वनस्पतियों और जीवों के संरक्षक, हमारे सामाजिक कल्याण के संरक्षक, अप्रत्यक्ष करों की यात्रा – नमक कर जीएसटी और जीएसटी दीर्घा।

धरोहर संग्रहालय का टूर डे फोर्स एक अद्वितीय ‘बैटल ऑफ विट’ दीर्घा है जो तस्करों और सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच दिमागी लड़ाई को प्रदर्शित करता है। इसमें पुराने जमाने में बरामद किए गए प्राचीन सिक्के, मूर्तियां, लुप्तप्राय वन्यजीव, हथियार और नशीले पदार्थ हैं। यह संग्रहालय वर्षों से सीमा शुल्क विभाग के कामकाज को देखने का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है। इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करने में मदद मिलती है और साथ ही साथ राष्ट्र की उल्लेखनीय सेवा की जाती है।

इसमें प्रदर्शित की गई वस्तुओं में रक्सौल में भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय सीमा शुल्क द्वारा पृथक किए गए आइन-ए-अकबरी की पांडुलिपि, कौरक्षेत्र से अमीन स्तंभों की प्रतिकृति, मध्ययुगीन काल के खगोलीय उपकरण, धातु और पत्थर की जब्त कलाकृतियां, हाथी दांत की वस्तुएं और वन्यजीव वस्तुएं उल्लेखनीय हैं।

जीएसटी दीर्घा धरोहर संग्रहालय का बिल्कुल नया हिस्सा है। देश में अपनी तरह की पहली पहल यह जीएसटी दीर्घा हमें दो दशकों में जीएसटी की लंबी और कठिन यात्रा से परिचय कराती है। 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा जीएसटी पर चर्चा की शुरूआत से इस दीर्घा में जीएसटी के विभिन्न चरणों और प्रक्रियाओं का वर्णन है, जिन्होंने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी के रूप में एकीकृत अप्रत्यक्ष कराधान में सुधार का मार्ग प्रशस्त किया।

संग्रहालय के ई-कैटलॉग में प्रासंगिक जानकारी के साथ संग्रहालय में प्रदर्शित विभिन्न वस्तुओं के बेहतरीन चित्र होते हैं। यह ई-कैटलॉग क्यूआर कोड का उपयोग करके डाउनलोड करने योग्य है। यह न केवल आगंतुकों के लिए बल्कि पुरातत्व और प्राचीन इतिहास के विद्वानों के लिए भी जानकारी के तैयार साधन (रेडी रेकनर) के रूप में काम करेगा।

‘धरोहर’ भारत के पर्यटन मानचित्र के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और गोवा में इस आकर्षण को अवश्य देखना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *