2020 में लागू नई शिक्षा नीति के तहत दिब्यांगो मे जगी रोशनी की किरण डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। भोजूबीर सरसौली स्थित ‘स्याही प्रकाशन’ के ‘उद्गार’ सभागार में दो दिवसीय कार्यक्रम की कड़ी में समापन सत्र में 30 मार्च को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर परिचर्चा/ प्रशिक्षण एवं साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ एवं मुख्य अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता अम्बरीश सिंह भोला रहे। सारस्वत अतिथियों में डॉक्टर एम.पी. सिंह, डॉक्टर एन. बी. सिंह, डॉक्टर शुभ्रा वर्मा नाट्य अनुभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, साहित्यकार प्रियम्बदा सिंह रहीं। वहीं मुख्य वक्ता डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा पूर्व जिला विकास अधिकारी रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं शायर डॉ लियाकत अली जलज और सुनील सेठ ने किया। कार्यक्रम में विषय प्रवक्ता डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी सम्मानित अतिथियों ने मां सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया। मां सरस्वती वंदना राम नरेश पाल ने किया। अतिथियों का स्वागत भारत डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक प्रवीण मिश्रा ने किया। सम्मान समारोह के उपरांत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अम्बरीश सिंह भोला ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लागू की गयी। इस शिक्षा नीति से भारत देश में बड़े बदलाव हुए है। छात्र छात्राओं में जागरूकता आई है। उनके रोजगार में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव आया है। समय, समय सरकार शिक्षा के छेत्र में और आधुनिक तरीके से काम कर रही है। डॉ राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे दिव्यांगों की शिक्षा सराहनीय है। वही डॉक्टर राम प्रसाद मूर्ति मिश्रा गीता फाउंडेशन द्वारा संचालित तीन संस्थानों पर प्रकाश डालते हुए निदेशक डॉ ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि हमारे फाउंडेशन के तहत करियर क्लासेस स्कूल विद्यालय तथा डॉ राममूर्ति प्रसाद प्रशिक्षण संस्थान डी एड कॉलेज एवं डॉक्टर राम महाविद्यालय संस्कृत कॉलेज की स्थापना की गई।
डॉ ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि 175000 से अधिक दिव्यांगों की सेवा की गई है उन्होंने बताया की 1 लाख पचहत्तर दिव्यागों को डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा गीता फाऊंडेशन ने ट्राई साइकिल और स्ट्रीक दी गयी। जापान से प्रशिक्षित डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि 2011 से 2017 तक जापान से शिक्षा प्राप्त करके शिक्षा जगत में उल्लेखनीय है 6 वर्षों में तीन शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई और दिव्यांगों को हर वर्ष ट्राई साइकिल, स्टिक, ईयर फोन निशुल्क प्रदान की जाती है। 2020 के नई शिक्षा नीति से दिव्यांगो में नई रोशनी की किरण आई है सभी अतिथियों ने भी अपने संबोधन से दिव्यांगों की शिक्षा पर प्रकाश डाला। वहीं मुख्य वक्ता डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से करियर क्लासेस स्कूल डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा महाविद्यालय संस्कृत कॉलेज में शिक्षा जगत में कार्य कर रहे हैं। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ‘स्याही प्रकाशन’ एवं उद्गार सभागार के संस्थापक अध्यक्ष पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ ने कहा कि सरकार शिक्षा में जो तब्दीली कर रही है उससे भारत देश के युवाओं में अपनी प्रतिभा को निखारने में सहजता बढ़ी है। वर्षों से देख रहा हूं कि डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने दिव्यांगों के शिक्षा के लिए अथक प्रयास किया है हम सब उनके कार्यों की सराहना करते हैं हम और हमारा उद्धार उनके लिए हमेशा हर कार्य के लिए यथाशक्ति समर्पित है।
माननीय अध्यक्ष के उद्बोधन के तत्पश्चात कवि गोष्ठी आारंभ हुई जिसमें सभी कवि और कवित्रियों ने अपनी स्वरचित शिक्षा पर रचना पढ़ीं। उपस्थित श्रोताओं ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। तत्पश्चात सैकड़ों कवियों और कवित्रियों को सम्मान पत्र देकर के स्वागत और सम्मानित किया गया। कवियों में डॉक्टर लियाकत अली जलज, डा. अनिल सिन्हा बहुमुखी, प्रीति जायसवाल, प्रियंका अग्निहोत्री, सुनील सेठ, शिब्बी. ममगाईं माधुरी, शिवदास अनपढ़, कवि उमेश, ओम प्रकाश मिर्जापुरी, मिथिलेश कुमार, जी एस. पटेल, अर्चना त्रिपाठी, आशिक कुमार आशिक, अच्छेलाल वर्मा, टीकाराम शर्मा आचार्य, खुशी मिश्रा, अंजली मिश्रा, राम नरेश पाल, अलियार प्रधान, तेेजबली अनपढ़, राजेन्द्र प्रसाद गुप्त बावरा, कलामुद्दीन कलाम, शायर शमीम गाजीपुरी, डॉक्टर प्रियंका तिवारी, सुषमा मिश्रा, माधुरी मिश्रा, उमेश कुमार, अभिषेक दूबे, आनन्द पाल, सीमा शर्मा, राजीव प्रसाद, सन्ध्या मौर्या, अजीत यादव, चन्द्रभूषण सिंह, मनीष श्रीवास्तव मोनू, पं0 धीरज दीक्षित, हिमांशु कश्यप, कैलाश नाथ यादव, अचला पाण्डेय, आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर लियाकत अली और सुनील सेठ ने किया धन्यवाद प्रकाश वरिष्ठ लेखक साहित्यकार प्रकाशानंद ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।