केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा बजट मे 20 लाख नौकरियां देने की बात कही गई है
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में केंद्र सरकार ने जहां सौलर ऊर्जा को बढ़ावा देने, इलैक्ट्रिक व्हीकल व मोबाईल फोन को सस्ता करने के अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैंसर की दवाओं को सस्ता करने के लिए जो रास्ता खोला है, वही नौकरी पेशा लोगों के लिए छूट का दायरा जो पहले 3 लाख से 6 लाख के स्लैब में 5 प्रतिशत था, अब वह 3 से 7 लाख के स्लैब में 5 प्रतिशत का किया गया है। इसके साथ ही नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडेक्शसन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया है, उसका आमजन ने स्वागत किया है।
भिवानी के चार्टेर्ड अकाऊटेंट पुनीत महता व भिवानी के प्रबुद्धजन अजय मल्होत्रा ने बताया कि वर्तमान सरकार का यह बजट मिलाजुला बजट कहा जा सकता है। इसमें मिडल क्लास को छूट की काफी उम्मीदें थी। हालांकि सरकार ने 7 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत की छूट देना स्वागत योग्य है। इसके अलावा शेयर बाजार में निवेश करने वालों को एक लाख तक की इनकम की बजाए उनका स्लैब सवा लाख किए जाने से उनको राहत मिलेगी। वही दूसरी तरफ शेयर मार्केट में निवेश करने वाले शॉर्ट टर्म निवेशकों को 15 की बजाए 20 प्रतिशत कर देना होगा। वही लांग टर्म निवेशकों को 10 की बजाए साढ़े 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जो बजट में मिली राहत के लिए पर्याप्त नहीं होगा। बजट में युवाओं के लिए 5 करोड़ युवओं के लिए 5 स्कीमें जारी करने के साथ ही 12 इंडस्ट्रीयल पार्क रोजगार को लेकर बनाए जाने की घोषणा की है। वही मुद्रा लोन को 20 लाख तक करने का प्रावधान बजट में किया गया है। हालांकि लोगों ने यह जरूर कहा कि केंद्र सरकार यह बजट आंध्र प्रदेश व बिहार को समर्पित रहा।
हरियाणा प्रदेश के लिए इस बजट में कोई विशेष प्रावधा नजर नहीं आया। वही भिवानी निवासी सतीश, महेंद्र, हरिकिशन व नरेश तंवर ने बताया कि वर्तमान बजट में सोना व मोबाईल को सस्ता किया गया है। 20 लाख नौकरियां देने की बात कही गई है व गरीब अन्न योजना के तहत अनाज के वितरण को जारी रखने की बात कही गई है, वह स्वागत योग्य है। हालांकि उन्होंने कहा कि बजट में व्यापारियों को सरलीकरण की उम्मीद थी, वह पूरा नहीं हुआ। किसानों को सब्सिडी व न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात बजट में नहीं है। जबकि बजट में किसानों को फ्री इंश्योरेंस दिया जाना चाहिए था तथा खाद व बीज की सब्सिडी बढ़ाई जानी चाहिए थी। वही रसोई गैस की कीमतों को भी कम किए जाने का कार्य बजट में नहीं किया गया।