जिले में फल-फूल रहा भ्रष्टाचार, आरटीआई का जवाब न दिए जाने पर वाराणसी के 125 अधिकारियों पर लगा दंड
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने जन सूचना अधिकार अधिनियम की भावना के अनुरूप प्रार्थना पत्रों का निस्तारण समय से किए जाने हेतु जन सूचना अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि आरटीआई के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें। ताकि आयोग को कठोर कार्यवाही न करना पड़े।
जन सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 4-1 बी का अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही आवेदक को प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए और जो प्रार्थना पत्र उनसे अथवा उनके विभाग से संबंधित न हो उन्हें संबंधित अधिकारी एवं विभाग को प्रत्येक दशा में 5 दिवस के अंदर उपलब्ध करा दें।
सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में आयोजित कार्यशाला में जन सूचना अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। उन्होंने बताया कि फरवरी से अब तक वाराणसी जनपद के 125 अधिकारियों पर प्रार्थना पत्रों का जवाब न दिए जाने में शिथिलता बरतने पर अर्थदंड लगाया गया है। उन्होंने आगे बताया कि अर्थदंड की धनराशि संबंधित अधिकारी के वेतन से काटकर राजकोष में जमा कराया जाएगा।
सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने बताया कि मंगलवार एवं बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में 250-250 प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुनवाई सूचना आयोग, लखनऊ में होने पर आने-जाने में लोगों का समय और पैसा व्यय होता था। इसीलिए आयोग स्वयं सुनवाई करने के लिये जिले में व्यवस्था की है।