Register or renew private hospitals in two weeks District Magistrate

निजी चिकित्सालय दो हफ्ते में कराएं पंजीकरण अथवा नवीनीकरण: जिलाधिकारी


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


जिले में पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची जल्द पोर्टल पर होगी अपलोड
अब-तक शहरी क्षेत्र में 205 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 104 चिकित्सा केन्द्र हैं पंजीकृत


वाराणसी। जनपद में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जनपद के पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गयी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वह सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं। उन्होंने इसके साथ ही निर्देशित किया कि जनपद के ऐसे चिकित्सा प्रतिष्ठान जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में पंजीयन व नवीनीकरण नहीं कराया है, वह अगले दो सप्ताह के अन्दर समस्त आवश्यक मानक प्रपत्रों सहित ऑनलाइन आवेदन करते हुए पंजीयन व नवीनीकरण अवश्य करा लें।

सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत व नवीनीकृत किये गये चिकित्सा प्रतिष्ठान के संचालक प्रतिष्ठान से सम्बन्धित बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण, क्षय रोगियों का पंजीकरण, जन्म-मृत्यु तथा संस्थागत प्रसव की सूचना संबन्धित पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट करें। सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत व नवीनीकृत कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त अवैध रूप से चिकित्सा प्रतिष्ठानों का संचालन पाये जाने पर उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जायेगी।

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है। जल्द ही इस सूची को वाराणसी के एनआईसी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि जिले में कुल 285 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं । इनमें शहरी क्षेत्र में 205 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 104 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं। पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में कल्सटेंशन चौम्बर 14, डे-केयर-2, डेंटल यूनिट-2, डायगोनेस्टिक क्लीनिक-16, हास्पिटल-77, आईवीएफ सेंटर- 1, मैटर्निटी होम-3, मेडिकल क्लीनिक-69, नर्सिंग होम-20, ओपीडी क्लीनिक-1, पैथालॉजी लैब-59, पालीक्लीनिक-1, प्रैक्टीसिंग मेडिसिन एण्ड आफरिंग मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर सर्विस-3 व 17 प्राइवेट प्रैक्टीशनर हैं। इसके साथ ही 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 24 निजी चिकित्सालय भी पंजीकृत हैं।

सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए। उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत हैं अथवा नहीं। चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी अपंजीकृत चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज कराता है, तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।