आयुर्वेद चिकित्सा की ओर बढ़ता आमजन का विश्वास
अनिवार्य प्रश्न । कार्यालय संवाद
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए नीम-गिलोय से लोगों का जुड़ रहा नाता
जयपुर। वैश्विक महामारी कोरोना-2019 के संक्रमण काल में आमजन में जहां आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ा है वहीं संक्रमण के समय में आमजन आयुर्वेद चिकित्सा से जुडे विशेषज्ञों, चिकित्सकों की सलाह पर स्वास्थ्य रक्षार्थ आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर कोरोना संक्रमण के समय इम्युनिटी बढ़ाने का मार्ग अपना लिया है।
कोरोना वायरस संक्रमण के समय में आयुर्वेद विभाग के चिकित्साधिकारियों एवं विशेषज्ञों की आमजन के लिए की गई सार्थक पहल ने भी आमजन में विश्व की प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वास को बढ़ाया है।
राज्य सरकार एवं राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इम्युनिटी बढाने की पहल के तहत राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा द्वारा भी गिलोय के पौध रोपण की शुरूआत की जा चुकी है, साथ ही राज्य में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के माध्यम से आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए इम्युनिटी बूस्टर को भी कोरोना वारियर्स के लिए उपलब्ध करवाया गया था।
कोरोना संक्रमण के समय में बांसवाड़ा जिले में भी आयुर्वेद विभाग की पहल ने आम जन में आयुर्वेद को आमसात करने का मंत्र दिया वहीं कोरोना संक्रमण काल में सेवाएं देने में जुटे कोरोना वारियर्स के स्वास्थ्य रक्षार्थ किए गए प्रयास सराहनीय एवं प्रशंसनीय रहे।
बांसवाड़ा जिला आयुर्वेद विभाग के चिकित्साधिकारियों, चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने आमजन से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार विभिन्न जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने एवं काढ़ा बनाकर लेने की सलाह दी गई। कोरोना वारियर्स के लिए इम्युनिटी बूस्टर के रूप में तैयार किए गए काढे का वितरण कर कोरोना वारियर्स में नई शक्ति और स्फूर्ति का इजाद किया गया।
कोरोना संक्रमण के संकट के समय में जहां आम जन सर्दी, खांसी एवं जुकाम की बीमारियों से डरा हुआ था, जिसे आयुर्वेद विभाग के विशेषज्ञों एवं चिकित्साधिकारियों ने आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देकर लॉक डाउन अवधि में तनाव के क्षणों को कम करने में मददगार साबित हुआ है। यही नहीं इस प्रकार की आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह से आम जन स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यधिक राहत भी मिली है।
जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में भी आयुर्वेद चिकित्सकों ने आम जन में कोरोना संक्रमण के समय में होने वाले सर्दी, जुकाम, खांसी से मुक्ति के लिए मुलेठी, दाल चीनी, काली मिर्च, लौंग, तुलसी पत्ते इत्यादि को काढ़े के रूप में इस्तेमाल की सलाह देकर राहत पहुंचाई गई है। साथ ही प्राकृतिक सम्पदा से हरे-भरे बांसवाड़ा जिले में आयुर्वेद विभाग द्वारा लोगों को इम्युनिटी में सुधार के लिए नीम गिलोय का उपयोग करने की सलाह ने लोगों को नई राह दी है।
क्वारेनटाइन केन्द्रों पर भी हुआ क्वाथ का उपयोग
जिला आयुर्वेद विभाग की पहल पर क्वारेनटाइन केन्द्रों पर अन्य राज्यों से आए लोगों की स्वास्थ्य रक्षार्थ एवं कोरोना संक्रमण से मुक्ति से के लिए क्वाथ उपलब्ध करवाया गया, जिससे इन लोगों की इम्युनिटी में सुधार हो सके तथा कोरोना संक्रमण से मुक्त रह सके। आयुर्वेद विभाग द्वारा अप्रेल एवं मई महीने में 716 व्यक्तियों को क्वाथ का उपयोग करवाया गया। इसके अलावा अप्रेल एवं मई माह में 7 हजार 872 व्यक्तियों को क्वाथ उपलब्ध करवाया गया है।
कोरोना वारियर्स को भी किया काढ़ा वितरित
आयुर्वेद विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के समय में सेवाएं दे रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाते हुए काढ़ा वितरित कर इन कर्मचारियों में भी विश्वास की नई किरण पैदा की गई। विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के लिए सेवाए दे रहे अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए काढ़ा वितरण के तहत 6 हजार 633 व्यक्तियों को काढ़ा वितरित किया गया।
गर्मी में होने वाली तकलीफ से भी दिलाई राहत
आयुर्वेद विभाग ने समय की जरूरत एवं मांग को ध्यान में रखते आयुर्वेदिक दवाओं, जड़ी-बूटियों आदि के इस्तेमाल के लिए सलाह दी गई, जिसमें जून माह में शुरू हुए गर्मी के दौर में घबराहट जैसी परिस्थितियों से मुक्ति के लिए भी प्रयास किए गए, जिसके तहत जिला आयुर्वेद विभाग ने कर्पूरधारा वटी नामक आयुर्वेदिक औषधि तैयार कर कोरोना वारियर्स उपलब्ध कराकर सराहनीय कार्य किया गया।
आम जन में बढ़ी नीम और गिलोय के रोपण में रुचि
कोरोना संक्रमण काल में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति आम जन में बढे विश्वास का परिणाम यह रहा कि जिले में मानसून पूर्व की वर्षा के साथ ही आम जन द्वारा अपने खेत, घर-आंगन में खाली पड़ी जमीन, गमलों में आदि में नीम गिलोय का रोपण करने में जुटा है। कोरोना संक्रमण को रोकने में इम्युनिटी को बढ़ाने के विकल्प के रूप में सर्वाधिक प्रचलित हो चुकी आयुर्वेदिक औषधि ’नीम गिलोय’ के प्रति आमजन में रूचि अब बढ़ने लगी है।