Sant Ram Singh Baba, involved in the farmers' movement, shot himself suicide

किसानों के आंदोलन में शामिल संत राम सिंह बाबा ने खुद को गोली मार कर ली आत्महत्या


अनिवार्य प्रश्न। संवाद


वाराणसी। सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान बिलों के विरोध में किसानों के आंदोलन में शामिल संत राम सिंह बाबा ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर लिया है। वह किसानों के साथ धरने पर बैठे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार वह करनाल के निवासी थे और किसानों के समर्थन में शिविर और लंगर की व्यवस्था भी कर रहे थे। उनके द्वारा लिखत एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का हवाला देते हुए सरकार द्वारा किसानों की बात न मानने पर बेहद दुःख प्रकट किया है।

संत की आत्महत्या पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा के प्रबंधक कमिटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वह एक बहुत बड़े महापुरुष थे। उन्होंने पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगाया। आज उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

स्थानीय मीडिया में भी आई अनेक रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि बाबा राम सिंह द्वारा लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला है, उस नोट में जो लिखा है उसका हिंदी अर्थ इस प्रकार है-

मैंने किसानों का दुख देखा है, सही व आवश्यक हक के लिए खुली सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे काॅफी दुख हो रहा है। भारत सरकार किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है। यह सरकार का अत्याचार है। जो जुल्म करता है वह पापी होता है, और जुल्म सहना भी पाप ही है। सरकारी जुल्म के कारण अपने व जनता के गुस्से के बीच यह सेवादार आत्मदाह करता है। यह सरकार के जुल्म के खिलाफ आवाज है। यह किसानों के अधिकार के लिए आवाज है।

उनके इस कार्य से किसानों को काफी दुख हुआ है। अब किसानों के आन्दोलन में नया मोड़ आ गया है। उधर सरकारी महकमा भी सकते में है कि यह आत्महत्या कहीं इस समस्या में कोढ की खाज न बन जाए।

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