Under the 'Chief Minister Accident Insurance Scheme', a maximum of 02 lakhs will be given in case of accident of the worker.

‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के अन्तर्गत कामगार की दुर्घटना की दशा में अधिकतम 02 लाख की मिलेगी मदद


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


आर्थिक सहायता राशि 06 श्रेणियों में होगी देय


लखनऊ। योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत असंगठित कर्मकार की दुर्घटनावश मृत्यु होने पर उसके वारिसों को तथा  र्घटनावश दिव्यांगता होने पर पंजीकृत कामगार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना है। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव श्रम द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है।

शासनादेश के अनुसार ‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के अन्तर्गत उ0प्र0 असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा नियमावली, 2016 के नियम 23 के साथ पठित असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 (अधिनियम संख्या 33 वर्ष 2008) की धारा-02(के), (एल), (एम) एवं (एन) में असंगठित क्षेत्र के अन्तर्गत परिभाषित श्रेणियां पात्र होंगी।

‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के अन्तर्गत कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि 06 श्रेणियों में देय होगी, जो राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। इसके तहत मृत्यु अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता की स्थिति में 100 प्रतिशत, दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति पर 100 प्रतिशत, एक हाथ तथा एक पैर की क्षति पर 100 प्रतिशत, एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति पर 50 प्रतिशत, स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर, किन्तु 100 प्रतिशत से कम होने पर 50 प्रतिशत तथा स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक होने पर किन्तु 50 प्रतिशत से कम होने पर 25 प्रतिशत धनराशि देय होगी।
यदि कोई कामगार मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता से आच्छादित है तो, उसकी दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में सामान्य रूप से उसके विधिक वारिस/स्वयं कामगार को इन योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त सहायता की धनराशि को समायोजित करते हुए अन्तर की धनराशि देय होगी।

कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में उसके वारिस/वारिसों/स्वयं कामगार द्वारा आवेदन पत्र भरकर सम्बन्धित जिले के श्रम प्रवर्तन अधिकारी को अथवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किया जायेगा। ऑफलाइन आवेदन प्राप्त होने पर श्रम कार्यालय द्वारा 48 घण्टे के अन्दर पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि सुनिश्चित की जायेगी। ‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के अन्तर्गत कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु होने पर उसके वारिसों द्वारा तथा कामगार की दुर्घटनावश दिव्यांगता होने पर 30 दिवसों के अन्दर उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया जायेगा अथवा जिले के श्रम कार्यालय में प्रस्तुत किया जायेगा। अपरिहार्य परिस्थिति में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अवधि को एक माह तक बढ़ाने का अधिकार सम्बन्धित क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त में निहित होगा तथा एक माह से अधिक विलम्ब जो कि अधिकतम एक वर्ष तकके विलम्ब से प्रस्तुत आवेदन पत्रों में विलम्ब मोचन का अधिकार सचिव, उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड अथवा उनके द्वारा नामित अपर/उप श्रमायुक्त, उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में निहित होगा। ‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के अन्तर्गत कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु होने पर उसके वारिसों द्वारा तथा दुर्घटना के फलस्वरूप दिव्यांगता होने पर स्वयं के द्वारा उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइनआवेदन प्रस्तुत किया जायेगा अथवा सम्बन्धित जनपद के श्रम कार्यालय में प्रस्तुत किया जायेगा। प्राप्त आवेदनों पर क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त द्वारा श्रम प्रवर्तन अधिकारियो के माध्यम से एक सप्ताह के अन्दर जांच पूर्ण कराई जायेगी तथा जांच आख्या ऑनलाइन बैंक/बीमा कम्पनी/बोर्ड द्वारा अधिकृत संस्था को प्रेषित की जायेगी।

उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में उसके वारिसों को तथा दिव्यांगता की स्थिति में पंजीकृत श्रमिक को विलम्बतम 15 दिवसों के अन्दर योजना में निर्धारित आर्थिक सहायता/हितलाभ दिया जाना सुनिश्चित करेगा। आवेदन पत्र के साथ कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु की दशा में मृत्यु प्रमाण-पत्र/विधिक वारिसों का प्रमाण पत्र तथा आयु प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। इसी प्रकार दिव्यांगता की स्थिति में जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा। ‘मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना’ के सफल संचालन के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु शासन द्वारा बजट प्राविधान किया जायेगा।

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