पोर्टल के माध्यम लें भूजल दोहन के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
अन्यथा हो सकती है 06 माह से 01 वर्ष का कारावास एवं 2 से 5 लाख तक जुर्माना
वाराणसी। उत्तर प्रदेश भूजल प्रबन्धन एवं विनियमन अधिनियम पहले से ही राज्य में प्रभावी है। जिसके तहत अधिसूचित व गैर अधिसूचित वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, औद्योगिक, आर०ओ० प्लान्ट और सामूहिक उपभोक्ता (अस्पताल, अपार्टमेन्ट) एवं ड्रिलिंग एजेन्सी उपभोक्ता को भूजल अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के प्राविधान किये गये हैं तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना अनिवार्य कर दी गई है।
उक्त जानकारी देते हुए सीनियर हाइड्रोजियोलॉजिस्ट आर0के0 शर्मा ने बताया कि जनपद में संचालित समस्त प्रकार के उपभोक्ता अधिसूचित व गैर अधिसूचित वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, औद्योगिक, आर०ओ० प्लान्ट और सामूहिक उपभोक्ता (होटल, लॉज, आवासीय कालोनी, अपार्टमेन्ट, अस्पताल, वाटर पार्क, मैरिज हॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, वाहन धुलाई केन्द्र आदि) जिन्होंने भूजल दोहन के संबंध में अनापत्ति प्रमाणःपत्र प्राप्त नहीं किया है। ऐसे समस्त उपभोक्ताओं को एक माह के अन्दर www.upgwdonline.in/niveshmitra.up.nic.in पोर्टल के माध्यम से आनलाईन आवेदन करते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लें।
जो नहीं लेगा वह उक्त अधिनियम की धारा 39 के अन्तर्गत 06 माह से 01 वर्ष का कारावास एवं 2 से 5 लाख तक का जुर्माना को पात्र होगा। जिसके लिए उपभोक्ता को ही उत्तरदायी माना जायेगा। जिसे दण्ड से बचना है वह अनापत्ति प्रमाणन करा ले।