बब्बर खालसा से जुड़ा हरविंदर सिंह आतंकी घोषित, दो आतंकी संगठन भी हुए बैन
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए, केंद्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल करने के लिए अगस्त, 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले, केवल संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था। इस संशोधित प्रावधान को लागू करके, केंद्र सरकार ने 53 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने आज एक और व्यक्ति और दो संगठनों को ‘आतंकवादी’/’आतंकवादी संगठन’ घोषित किया।
आज एक और व्यक्ति – हरविंदर सिंह संधू @ रिंदा को आतंकवादी घोषित किया गया है। संधू आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ है और वर्तमान में सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर में है और उसे विशेष रूप से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। इस घोषणा के साथ, अब यूएपीए की चौथी अनुसूची में 54 घोषित आतंकवादी हैं।
केन्द्र सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत आज दो निम्नलिखित संगठनों को भी आतंकी संगठन घोषित किया–
- खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ)- यह एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है और ये भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है और पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
- जम्मू और कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ) – यह केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है। यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है।
इन दोनों संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ अब अधिनियम की पहली अनुसूची के तहत कुल 44 घोषित आतंकवादी संगठन हैं।