जून माह को ‘मलेरिया रोधी माह’ के रूप में मनाया जाएगा: स्वास्थ्य विभाग
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
वाराणसी। 29 मई 2024 – मच्छर जनित बीमारी मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे जून माह को ‘मलेरिया रोधी माह’ के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य जन-जन तक मलेरिया के लक्षणों, बचाव के उपायों, जांच तथा उपचार के बारे में जागरूक किया जाएगा। ग्रामीण व शहर के समस्त हॉट स्पॉट क्षेत्रों में फीवर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें बुखार के सभी मरीजों की जांच सुनिश्चित कर आवश्यकतानुसार उपचार व परामर्श की सुविधा प्रदान की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जनमानस के बीच मलेरिया रोग से बचाव एव नियंत्रण के सम्बन्ध में जागरुकता उत्पन्न की जाएगी। रोग नियंत्रण के लिए की जा रही गतिविधियों में जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। मलेरिया रोग की पहचान के लिए समस्त ज्वर रोगियों की जांच की जाएगी एवं धनात्मक पाए गए रोगियों का समूल उपचार सुनिश्चित किया जाएगा। एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ ‘लार्वा पर प्रहार मलेरिया का संहार’ एवं ‘बुखार में देरी पड़ेगी भारी’ आदि संदेशों को प्रभावी रूप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि मलेरिया रोधी जून माह के संबंध में समस्त तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जनपद के ग्रामीण में 85 और नगर में 70 हॉट स्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। इन सभी हॉट स्पॉट क्षेत्रों में फीवर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे। मलेरिया की जांच और उपचार की सुविधा जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों सहित सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। मलेरिया रोधी माह के संबंध में समस्त सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया, संक्रमित एनोफिलीज़ मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदे पानी में पनपता है। इसलिए अपने घर व आसपास साफ-सफाई रखें। कहीं भी गंदगी और गंदा पानी जमा न होने दें।
मलेरिया के लक्षण-
सर्दी व कम्पन के साथ एक-दो दिन छोड़कर बुखार आना ।
तेज बुखार, उल्टी और सिरदर्द ।
बुखार उतरते समय खूब पसीना आना ।
बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी ।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान दे
बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और जांच कराएं ।
हल्के सूत्ती वस्त्र पहनें तथा कमरे को ठंडा रखें।
सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर सामान्य पानी की पट्टी रखें।
झोलाछाप चिकित्सकों से बचें।
बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें।
बिना चिकित्सक की सलाह के अनावश्यक औषधियों का सेवन न करें।
मच्छरों से बचाव
दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएँ।
नियमित मच्छरदानी का प्रयोग करें व मच्छररोधी उपाय अपनाएं।
अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकठ्ठा न होने दें।
पानी की टंकी पूरी तरह से ढक का रखें।
पूरी बांह वाली कमीज़ और पेंट पहनें।
घर और कार्य स्थल के आसपास पानी जमा न होने दें।
कूलर, गमले आदि को साप्ताहिक खाली कर सुखाएं।
गड्ढों में जमा पानी मिलने पर उसे मिट्टी से ढक दें।