Farmers cultivate melons to earn more in less time

कम समय में ज्यादा कमाई के लिए किसान करते है खरबूजे की खेती


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


बांसवाडा। देश में किसान अपनी आय में वृद्धि के लिए नकदी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। खरबूजा एक ऐसा फसल है जो सब्जी और फल दोनों के काम आते हैं। देश भर में खरबूजे की भारी मांग है। फल और सब्जी के अलावा खरबूजे की बीज की भी भारी मांग है। इसी मांग को समझते हुए जिले के बागीदौरा पंचायत समिति के छींच, मलवासा आदि गांवो के किसानों ने इस साल नवाचार करते हुए फसल लगाई जिनके हुनर से आसपास के किसान बेहद प्रभावित हुए हैं। दूसरे युवक भी इन किसानो से खरबूजे की खेती का तरीका सीख रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर किसानों को कृषि कार्यों से लेकर फसलों, कृषि यंत्रों आदि पर किसानों को सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इससे किसानों को खेती के लाभ के साथ सरकार से भी आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।

यही कारण है की किसानों का रुझान खेती के प्रति बढ़ने लगा है। अब देश के अधिकतर नागरिक जो ग्रामीण क्षेत्र से है वे नौकरी छोड़ खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसी श्रृंखला में जिले के कृषि प्रधान गांव छींच में खरबूजे की खेती से कम लागत में अधिक मुनाफा ले रहे है किसान। छींच के उन्नत किसान प्रेमजी चौहान ने बताया कि रबी सीजन की फसलों के बाद किसानों के खेत चार महीने तक खाली रहते हैं और इन खाली खेतों में अब जून में बारिश होने के बाद सोयाबीन की बुवाई होगी। इस बीच किसान अपने खाली खेत में खरबूज की खेती कर लाभ कमा सकते है। गर्मी के दिनों में खरबूज खूब बिकेंगे और खाली पड़ी जमीन का उपयोग भी हो जाएगा। गर्मी के दिनों में खरबूजे की खेती कर एक बीघा के खेत में तकरीबन 50 से 80 किलो का उत्पादन प्राप्त हो जाता है। जिससे किसान एक बीघा में एक फसल से 20000 की कमाई कर सकते है।

कई किसानो ने प्रति बिघा 50 से 80 किलो किलो बिज 32000 हजार प्रति क्विटल बिक जाता है जिसको जतैयार करने के लिए जो खरबुजे का फल पक जाता है उसको राहगीरो एवं बुलाकर खिला देते है एवं उसके बिज काम में लेंलेते है। खरबूजे की खेती खरबूजा एक स्वादिष्ट फल है और यह गर्मियों में तरावट देता है। इसके बीजों का इस्तेमाल मिठाई को सजाने में किया जाता है। ये बीज पेट से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। इनमें विटामिन श्सीश् और शर्करा की प्रचुर मात्रा होती है। खरबूजे के बीज की मार्केट डिमांड काफी अधिक है। इसे आयुर्वेदिक औषधि, डेकोरेटिव प्रोडक्ट्स आदि के निर्माण के अलावा खरबूजे के बीज से तेल और साबुन भी बनाया जाता है। खाने पीने के लिए भी इसका व्यापक उपयोग किया जाता है, धूप में सुखा कर या तवे पर तल कर इसे स्नैक्स के तौर पर खाया जाता है। रायता और चटनी बनाने में भी खरबूजे के बीज का उपयोग किया जाता है।

यही वजह है कि उच्च मांग की वजह से खरबूजे के बीज को मार्केट में 32 हजार रुपए प्रति क्वींटल की दर से खरीदा जाता है। षक्षक आषिश उपाध्याय ने बताया कि खरबूजा एक कद्दूवर्गीय फसल है, जिसे नगदी फसल के रूप में उगाया जाता है। इसके पौधे लताओं के रूप में विकास करते हैं। इसके फलो को विशेष रूप से खाने के लिए इस्तेमाल करते है, जो स्वाद में अधिक स्वादिष्ट होता है। इसके फलो का सेवन जूस या सलाद के रूप में कर सकते है, तथा खरबूजे के बीजो को मिठाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।

यह एक ऐसा फल है, जिसे गर्मियों में अधिक मात्रा में खाने के लिए इस्तेमाल में लाते है। इसके फलो में 90 प्रतिशत पानी तथा 9 प्रतिशत कार्बाेहाइड्रेट की मात्रा पायी जाती है। खरबूजे का बीज अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। खरबूजे में प्रोटीन 32.80 प्रतिशत, कार्बाेहाइड्रेट्स 22.874 प्रतिशत, फैट 37.167 प्रतिशत, फाइबर 0.2 प्रतिशत, नमी (मॉइस्चर) 2.358 प्रतिशत, एश 4.801 प्रतिशत ऊर्जा 557.199 केसीएएल (प्रति 100 ग्राम) खरबूजे में प्रचूर मात्रा में मौजूद रहते है। इन पोषक तत्वों के अलावा भी खरबूजे के बीज में कई अन्य पोषक तत्व जैसे शर्करा के अलावा कैल्शियम, जिंक, आयरन, मैग्रीशियम, मैगनीज व सोडियम और विटामिन ए, बी भी भरपूर मात्रा में होते हैं।