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Rajya/Kalagram in Maha Kumbh

महाकुंभ में कलाग्राम

अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय ने मंत्रालय के स्वायत्त संगठन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी)के माध्यम से महाकुंभ जिले के सेक्टर-7 में एक सांस्कृतिक गांव अर्थात कलाग्राम की स्थापना की है। कलाग्राम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • मुख्य प्रवेश द्वार: 635 फुट चौड़ा, 54 फुट ऊंचा, 12 ज्योतिर्लिंगों और भगवान शिव द्वारा हलाहल का सेवन करने की कथा को दर्शाता हुआ, कला और आध्यात्मिकता का संगम।
  • चार-धाम की थीम पर आधारित104 फुट चौड़ा और 72 फुट गहरा मंच।
  • कलाकार और प्रस्‍तुति : कलाग्राम सहित विभिन्न मंचों पर 14,632 कलाकार प्रस्तुति देंगे।
  • अनुभूत मंडपम: स्वर्ग से धरती पर गंगा के अवतरण की कथा का वर्णन करने वाला 360° अभिभूत कर देने वाला अनुभव।
  • अविरल शाश्वत कुंभ: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा डिजिटल प्रदर्शन।
  • फूड जोन: प्रयागराज के स्थानीय व्यंजनों के अलावा सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के सात्विक व्यंजन।
  • संस्कृति आंगन: सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के 98 कारीगरों द्वारा प्रांगणों में पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा का प्रदर्शन और बिक्री।

संस्कृति मंत्रालय के तहत स्वायत्त संगठन दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एसजेडसीसी), तंजावुर द्वारा प्रस्तुति के लिए, तीन कला रूपों से जुड़े 45 कलाकारों और स्टालों के लिए कर्नाटक के 06 कारीगरों को महाकुंभ-2025 के कलाग्राम में नियुक्‍त किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर महाकुंभ-2025 में कलाग्राम की स्थापना की गई है। 2019 के कुंभ मेले के दौरान भी कलाग्राम स्थापित किया गया था, हालांकि छोटे पैमाने पर था। व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकने वाले दर्शकों के लिए इन अनुभवों को सुलभ बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय एनसीजेडसीसी, प्रयागराज के साथ मिलकर अपने विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल जैसे यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर सामग्री अपलोड कर रहा है।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी), प्रयागराज और दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एससीजेडसीसी), नागपुर सीधी (मध्य प्रदेश) सहित अपने सदस्य राज्यों में विभिन्न स्थानों पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों का निर्धारण कार्यक्रम समितियां करती हैं। संस्कृति मंत्रालय के तहत स्वायत्त संगठन संगीत नाटक अकादमी ने सीधी के दो प्रमुख थिएटर समूहों अर्थात रंगदूत और इंद्रावती नाट्य समिति को भोपाल और लखनऊ में आयोजित अमृत युवा कलोत्सव में प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया।

एससीजेडसीसी, नागपुर ने शिल्पग्राम, खजुराहो (मध्य प्रदेश) में एकलव्य-बघेली रंगमंच की नाट्य प्रस्तुति के आयोजन के दौरान इंद्रावती नाट्य समिति, सीधी (मध्य प्रदेश) के कलाकारों को भी आमंत्रित किया था।

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