तीन नए कानून को लेकर भिवानी के शहर थाना में जागरूकता कार्यक्रम
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
भिवानी। तीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता एक जुलाई यानी से देश में लागू हो गए है। जिसको लेकर सोमवार को भिवानी शहर थाना में जागरूकता को लेकर सेमिनार लगाया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता भिवानी के उप पुलिस अधीक्षक रमेश कुमार और एसएचओ सत्यनारायण ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 की जगह ले चुके है। नए भारतीय न्याय संहिता में नए अपराधों को शामिल गया है। जैसे शादी का वादा कर धोखा देने के मामले में 10 साल तक की जेल। नस्ल, जाति- समुदाय, लिंग के आधार पर मॉब लिंचिंग के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा, छिनैती के लिए तीन साल तक की जेल। युएपीए जैसे आतंकवाद रोधी कानूनों को भी इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि एक जुलाई से देश भर के 650 से ज्यादा जिला न्यायालयों और 16 हजार पुलिस थानों को ये नई व्यवस्था अपनाई गई है।
अब से संगीन अपराधों को सीआरपीसी की धारा 154 के बजाय बीएनएसएस की धारा 173 के तहत दर्ज किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग, जैसे खोज और बरामदगी की रिकॉर्डिंग, सभी पूछताछ और सुनवाई ऑनलाइन मोड में करना रहेगा। वीडियो और ऑडिओ रिकॉडिंग भी अनिवार्य कि गई हैं। जिसके आधार पर पुलिस गहन जांच कर पाएगी। उन्होंने कहा कि दहेज मामलों में महिलाओ की तरह व्यक्ति भी अपनी गुहार लगा सकेगा। भीड़ में होने वाले अपराध और आतंकवादी वरदातों पर में कानून में सुधार किया गया है। बड़े अपराधों में शामिल अपराधी को हथकड़ी लगाने का प्रावधान रखा गया है। मामलों की सुनवाई में व्यक्ति बिना वकील के खुद भी अपनी वकालत कर सकता है, ऐसा भी क़ानून में बदलाव किया गया है।
महिलाओ और बच्चों के वरदातों की मामले में भी क़ानून में सुधार किया गया है। उन्होंने बताया कि नए कानून में ई-एफआईआर या इलैक्ट्रोनिक एफआईआर मेल द्वारा दर्ज करवा सकते हैं। नए कानून में कम्युनिटी सर्विस के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। उप पुलिस अधीक्षक ने ताया कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा अपने कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। नए कानून के तहत अनुसंधान अधिकारी को गवाही के लिए न्यायालय में नहीं जाना पड़ेगा, वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से ही उनकी गवाही हो जाएगी। इससे पुलिस के कार्य में पारदर्शिता आएगी व कोर्ट की कार्यवाही तेजी आएगी, जिससे जनता को न्याय शीर्घ व सुगम प्राप्त होगा। इस मौके पर नागरिक भानु प्रकाश व अभिषेक बंसल ने कहा कि पुलिस द्वारा आज जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से नए कानूनों की जानकारी दी गई है, जो कि उनके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी।