Bharat Tex 2024 inaugurated in New Delhi

भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन नई दिल्ली मे किया गया


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश में आयोजित होने वाले अब तक के सबसे बड़े वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रमों में से एक, भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत टेक्स 2024 में सभी का स्वागत किया और कहा कि आज का अवसर विशेष है, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के दो सबसे बड़े प्रदर्शनी केंद्रों भारत मंडपम और यशो भूमि में हो रहा है। उन्होंने लगभग 100 देशों के 3000 से अधिक प्रदर्शकों और व्यापारियों तथा लगभग 40,000 आगंतुकों के समागम को सराहते हुए कहा कि भारत टेक्स इन सभी को एक मंच प्रदान करता है। टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार की संभावना और ग्रामीण आबादी व महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 परिधान निर्माताओं में से सात महिलाएं हैं तथा हथकरघा उद्योग में यह संख्या और भी अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में उठाए गए कदमों ने खादी को विकास और नौकरियों का एक मजबूत माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह, पिछले दशक की कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने से कपड़ा क्षेत्र को भी फायदा हुआ है। वस्त्र मूल्य श्रृंखला से संबंधित विभिन्न हितधारकों की उपस्थिति को मद्देनजर रखते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के कपड़ा क्षेत्र को समझने के साथ-साथ चुनौतियों और आकांक्षाओं के बारे में जागरूक होने के प्रति उनकी सूझबूझ का हवाला दिया। उन्होंने बुनकरों की उपस्थिति और जमीनी स्तर पर उनके पीढ़ीगत अनुभव पर भी ध्यान दिलाया, जो मूल्य श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण हैं। अपने संबोधन में उनकी चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने विकसित भारत और उसके चार मुख्य स्तंभों के संकल्प पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का कपड़ा क्षेत्र गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं, सभी से जुड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए भारत टेक्स 2024 जैसे आयोजन का महत्व और बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री ने एक ओर प्रौद्योगिकी और मशीनीकरण की आवश्यकता और दूसरी ओर विशिष्टता और प्रामाणिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत ही वह स्थान है, जहां ये दोनों मांगें साथ-साथ हो सकती हैं। भारत के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की अनूठी विशेषता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेमिसाल फैशन की मांग के साथ ऐसी प्रतिभा की मांग बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए सरकार कौशल के साथ-साथ दायरा बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इस सिलसिले में देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) संस्थानों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को भी निफ्ट से जोड़ा जा रहा है, जिसमें नई प्रौद्योगिकी के बारे में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने समर्थ योजना का भी उल्लेख किया, जहां अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों को क्षमता निर्माण और कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अधिकांश महिलाओं ने भाग लिया है, जहां लगभग 1.75 लाख लोगों को पहले ही उद्योग में प्लेसमेंट मिल चुका है।

“भारत टेक्स का यह सूत्र भारतीय परंपरा के गौरवशाली इतिहास को आज की प्रतिभा से, परंपराओं के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ता है; और यह स्टाइल, निरंतरता, दायरे और कौशल को एक साथ लाने का सूत्र है” आज देश में वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल के लिए जन-आंदोलन चल रहा है पीएम-मित्र पार्कों में, सरकार संपूर्ण मूल्य श्रृंखला इको-सिस्टम को एक ही स्थान पर स्थापित करने का प्रयास करती है, जहां प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ आधुनिक अवसंरचना उपलब्ध है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों में सात पीएम मित्र पार्क बनाने की सरकार की व्यापक योजनाओं पर प्रकाश डाला और पूरे कपड़ा क्षेत्र के लिए अवसर पैदा करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, पीएम-मित्र पार्कों में, सरकार संपूर्ण मूल्य श्रृंखला इको-सिस्टम को एक ही स्थान पर स्थापित करने का प्रयास करती है, जहां प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ आधुनिक अवसंरचना उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल दायरे और संचालन में सुधार होगा, बल्कि लॉजिस्टिक लागत में भी कमी आएगी। टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार की संभावना और ग्रामीण आबादी व महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 परिधान निर्माताओं में से सात महिलाएं हैं तथा हथकरघा उद्योग में यह संख्या और भी अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में उठाए गए कदमों ने खादी को विकास और नौकरियों का एक मजबूत माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह, पिछले दशक की कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने से कपड़ा क्षेत्र को भी फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने एक ओर प्रौद्योगिकी और मशीनीकरण की आवश्यकता और दूसरी ओर विशिष्टता और प्रामाणिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत ही वह स्थान है, जहां ये दोनों मांगें साथ-साथ हो सकती हैं। भारत के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की अनूठी विशेषता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेमिसाल फैशन की मांग के साथ ऐसी प्रतिभा की मांग बढ़ जाती है।

देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) संस्थानों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को भी निफ्ट से जोड़ा जा रहा है, जिसमें नई प्रौद्योगिकी के बारे में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने समर्थ योजना का भी उल्लेख किया, जहां अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों को क्षमता निर्माण और कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अधिकांश महिलाओं ने भाग लिया है, जहां लगभग 1.75 लाख लोगों को पहले ही उद्योग में प्लेसमेंट मिल चुका है। भारत के कपड़ा क्षेत्र से होने वाली बड़ी उम्मीदों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी के दौरान पीपीई किट और फेस मास्क के निर्माण के लिए उद्योग के प्रयासों को याद किया। निकट भविष्य में भारत के वैश्विक निर्यात केंद्र बनने पर विश्वास व्यक्त किया। खादी को उसकी पारंपरिक छवि से बाहर निकालने का आह्वान किया और कहा कि खादी को फैशन स्टेटमेंट में बदलने की जरूरत है, ताकि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा हो। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री,पीयूष गोयल और केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश तथा अन्य लोग भी उपस्थित थे।