सी.आर. पाटिल ने ‘फ्लडवॉच इंडिया मोबाइल ऐप के संस्करण 2.0 को किया लॉन्च
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा विकसित ‘फ्लडवॉच इंडियाश् मोबाइल एप्लिकेशन के संस्करण 2.0 को लॉन्च किया। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने देश में बाढ़ की स्थिति से संबंधित जानकारी और जनता तक वास्तविक समय के आधार पर 7 दिनों तक बाढ़ के पूर्वानुमान को प्रसारित करने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने के उद्देश्य से 17 अगस्त, 2023 को मोबाइल एप्लिकेशन का पहला संस्करण जारी किया था।
पहले संस्करण में 200 स्तर के पूर्वानुमान स्टेशनों पर बाढ़ के पूर्वानुमानों की जानकारी प्रदान की गई थी। ऐप का संस्करण 2.0, अतिरिक्त 392 बाढ़ निगरानी केंद्रों से संबंधित वर्तमान जानकारी प्रदान करता है, इसके साथ ही इन निगरानी केंद्रों की कुल संख्या 592 हो गई है। इस प्रकार उपयोगकर्ताओं को देश भर में बाढ़ की स्थिति का व्यापक और विस्तृत अवलोकन प्राप्त होता है। इसके अलावा, यह संस्करण देश के 150 प्रमुख जलाशयों की भंडारण स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी भी प्रदान करता है जो उनके निचले क्षेत्रों में संभावित बाढ़ की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेगा।
केंद्रीय जल आयोग द्वारा स्वयं विकसित ‘फ्लडवॉच इंडियाश् सटीक और समय पर बाढ़ पूर्वानुमान देने के लिए उपग्रह डेटा विश्लेषण, गणितीय मॉडलिंग और वास्तविक समय की निगरानी जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है। उपयोगकर्ता के अनुकूल ऐप सभी जानकारी 2 भाषाओं- अंग्रेजी और हिंदी- में प्रस्तुत करता है और पठनीय एवं ऑडियो प्रसारण प्रारूप में उपलब्ध है। ऐप निकटतम स्थान पर बाढ़ का पूर्वानुमान भी प्रदान करता है जहां उपयोगकर्ता होम पेज पर ही अपने निकटतम केंद्र पर बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
‘फ्लडवॉच इंडिया’ ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म्स पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, जो वैश्विक स्तर पर उपयोगकर्ताओं को व्यापक पहुंच प्रदान करता है। ऐप को गूगल प्ले स्टोर Google Play Store (https://play.google.com/store/apps/details?id=in.gov.affcwc) या ऐप्प्ल ऐप स्टोर (https://apps.apple.com/in/app/floodwatch-india/id6478849444) से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सचिव (जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण), देबाश्री मुखर्जी, अध्यक्ष (केंद्रीय जल आयोग), कुशविंदर वोहरा और जल शक्ति मंत्रालय तथा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित थे।