पाकिस्तान में बड़ा ट्रेन हादसा: बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस हाईजैक, सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 11 मार्च 2025 को एक सनसनीखेज घटना घटी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार थे, जिनमें से 100 पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे। इस दुस्साहसी हमले ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया, बल्कि पाकिस्तान की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों पर भी गंभीर सवालिया निशान लगा दिया।
कैसे हुआ ट्रेन हाईजैक?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईजैकिंग की यह घटना बलूचिस्तान के बोलन जिले के पिरोकनारी इलाके में घटी। आतंकियों ने पहले से तैयार योजना के तहत रेलवे ट्रैक पर बम धमाका किया, जिससे ट्रेन बीच रास्ते में ही रुक गई। मौके का फायदा उठाकर BLA के लड़ाके हथियारों से लैस होकर ट्रेन में घुस गए और उसमें सवार सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया।
संदिग्ध आतंकवादियों ने ट्रेन में मौजूद सैनिकों और नागरिकों को बंदी बना लिया और पाकिस्तान सरकार से बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए बातचीत करने की शर्त रखी। आतंकियों ने धमकी दी कि अगर सेना ने हस्तक्षेप किया तो सभी बंधकों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा।
कौन है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA)?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान विरोधी एक चरमपंथी संगठन है, जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लंबे समय से सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। BLA के गठन की शुरुआत 2000 के दशक में हुई और इसका उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना है। BLA ने अब तक कई हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिनमें सैन्य काफिलों, रेलवे पटरियों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया है। अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान ने इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।
जाफर एक्सप्रेस: कई बार निशाने पर रह चुकी है ये ट्रेन
क्वेटा से पेशावर तक चलने वाली जाफर एक्सप्रेस पाकिस्तान की एक महत्वपूर्ण रेल सेवा है, जो करीब 40 स्टेशनों पर रुकती है। यह ट्रेन पहले भी आतंकी हमलों का शिकार हो चुकी है। पहले भी जाफर एक्सप्रेस पर हमले हो चुके हैं, जिसमें कई यात्रियों की जान जा चुकी है। बलूचिस्तान के अलगाववादी गुटों ने इस ट्रेन को निशाना बनाया, क्योंकि यह बलूचिस्तान से गुजरती है और इसमें सेना के जवान भी सफर करते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, BLA लड़ाकों ने इस ट्रेन को पाकिस्तानी सेना के जवानों को निशाना बनाने के लिए ही हाईजैक किया था।
राजनीतिक भूचाल और सोशल मीडिया पर बवाल
यह घटना पाकिस्तान के लिए राजनीतिक और सुरक्षा संकट का कारण बन गई है। प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने इसे पाकिस्तान की अखंडता पर सीधा हमला करार दिया है और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़ी निंदा की जा रही है। कुछ लोगों ने इसे पाकिस्तान की कमजोर सुरक्षा नीति का नतीजा बताया, तो कुछ ने बलूच लोगों के अलगाववाद आंदोलन के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया। ट्विटर पर #SaveJaffarExpress ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग बंधकों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
क्या यह पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है?
बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं, और जाफर एक्सप्रेस का हाईजैक पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करता है। रेलवे ट्रैक पर विस्फोट और ट्रेन को हाईजैक करना दर्शाता है कि चरमपंथी अब अधिक संगठित और दुस्साहसी हो चुके हैं। पाकिस्तानी सेना के जवानों का बंधक बनना सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। BLA की बढ़ती गतिविधियां पाकिस्तान सरकार के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि वे खुलेआम सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
पाकिस्तान की सरकार ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए आर्मी और अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। बलूचिस्तान के कई इलाकों में सैन्य ऑपरेशन शुरू किया गया है, ताकि आतंकवादियों का सफाया किया जा सके। प्रधानमंत्री ने इस घटना को पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ साजिश करार दिया है और कहा कि किसी भी कीमत पर आतंकियों से सख्ती से निपटा जाएगा। आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है, लेकिन बंधकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे सावधानी से अंजाम देने की तैयारी हो रही है।
स्थानीय नागरिकों में डर और आक्रोश
इस घटना के बाद बलूचिस्तान के लोगों में डर और नाराजगी दोनों देखी जा रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सुरक्षा बलों की चूक की वजह से यह हमला हुआ। कुछ लोगों ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग को जायज़ ठहराया, तो कुछ ने इसे निहत्थे नागरिकों के खिलाफ आतंक का हमला करार दिया। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से इस मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई
घटना के बाद पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन तेज कर दिया। सेना और BLA के आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें कम से कम 15 आतंकी ढेर कर दिए गए। हालांकि, कुछ आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। सेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, इस हमले में 10 सैनिकों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए। आम नागरिकों को बंधक बनाकर रखने वाले आतंकियों से बातचीत की जा रही है, ताकि निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जा सके।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं
इस हमले ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने इस आतंकवादी घटना की निंदा की है और पाकिस्तान को इस संकट से निपटने में मदद देने की पेशकश की है। चीन ने भी अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है, क्योंकि बलूचिस्तान चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का मुख्य केंद्र है। भारत सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना होगा और कट्टरपंथ को जड़ से खत्म करना होगा।
भविष्य की चुनौती: सुरक्षा पर उठते सवाल
इस हादसे ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के वर्षों में बलूचिस्तान प्रांत में इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस मामले से कैसे निपटती है और क्या वह आतंकी संगठनों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी या नहीं। इस घटना ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल खोल दी है, जिससे न केवल आम जनता बल्कि सरकार भी चिंतित है। फिलहाल, यह देखने वाली बात होगी कि क्या पाकिस्तानी सेना और सरकार मिलकर इस हमले का बदला ले पाती है या नहीं। दुनिया की निगाहें अब इस मामले पर टिकी हैं।