President presents 68th National Film Awards

राष्ट्रपति ने प्रदान किए 68वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में 68वें फिल्म समारोह में विभिन्न श्रेणियों के तहत वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने दादा साहेब फाल्के पुरूस्कार की विजेता सुश्री आशा पारेख को सिनेमा की दुनिया में उनके विशेष योगदान के लिए बधाई दी और कहा कि उनका यह पुरस्कार महिला सशक्तिकरण को मान्यता प्रदान करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी कला रूपों में फिल्मों का प्रभाव सबसे व्यापक होता है और फिल्में न केवल एक उद्योग हैं बल्कि हमारी मूल्य प्रणाली की कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम भी हैं। सिनेमा राष्ट्र निर्माण का भी एक प्रभावी उपकरण है।

विदेशों में भारतीय संगीत को मिली मान्यता पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह भारत की सॉफ्ट-पावर को वैश्विक स्तर पर फैलाने का एक बड़ा माध्यम रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में, शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक उज्बेकिस्तान में आयोजित की गई थी। इस बैठक के समापन समारोह में एक विदेशी बैंड द्वारा 1960 के दशक की एक हिन्दी फिल्म का एक लोकप्रिय गीत बजाया गया था।

उन्होंने आगे कहा कि इस सॉफ्ट-पावर का अधिक कारगर इस्तेमाल करने के लिए, हमें अपनी फिल्मों की गुणवत्ता को बेहतर करना होगा। उन्होंने कहा, “अब हमारे देश के किसी एक क्षेत्र में बनी फिल्में अन्य सभी क्षेत्रों में भी बेहद लोकप्रिय हो रही हैं। इस तरह भारतीय सिनेमा सभी देशवासियों को एक सांस्कृतिक सूत्र में बांध रहा है। इस फिल्म समुदाय का भारतीय समाज में बहुत बड़ा योगदान है।”

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि सिनेमा चित्रों में पिरोई एक कविता है जो उन सभी किस्म के जादू, चमत्कार और जुनून को दर्शाती है जिससे हमें जीवंत और मानवीय होने का एहसास होता है। सिनेमा ने हमारे देश की अंतरात्मा, समुदाय और संस्कृति को सहेजा है और उसे उकेरा है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग के उभरते कलाकारों, पेशेवरों और दिग्गजों ने एक सदी से भी अधिक समय से हमारे दिल एवं दिमाग को गुदगुदाया और छुआ है।

श्री ठाकुर ने आज 4 बाल कलाकारों को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिलने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की और एक दिव्यांग बालक एवं पुरस्कार विजेताओं में शामिल दिव्येश इंदुलकर के बारे में विशेष रूप से चर्चा की। श्री ठाकुर ने  इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार से सम्मानित नानजियाम्मा एक लोक गायिका हैं और वह केरल के एक छोटे आदिवासी समुदाय से हैं, जिसकी कोई पेशेवर फिल्म की पृष्ठभूमि से नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे कहानी कहने की शक्ति के साथ-साथ हमारी प्रतिभा को दर्शाता है।

समारोह के दौरान एना की गवाही को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया, जबकि सोरारई पोट्रु को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म से सम्मानित किया गया। सूर्या और अजय देवगन को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला, जबकि अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। सच्चिदानंदन के.आर को मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया और तन्हाजी: द अनसंग वॉरियर को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार मिला।