Netaji Mulayam Singh Yadav left the harsh world of politics

सियासत के कठोर संसार को छोड़ गए नेताजी मुलायम सिंह यादव


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वर्तमान संरक्षक नेताजी और उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव आज 2 अक्टूबर, 2022 को मेदांता अस्पताल में हम सभी को छोड़ गए। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे, और अस्पताल एवं परिवारीजन उनकी देखरेख में निरंतर लगे हुए थे। उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी हुई थी। नेताजी अपनी 82 वर्ष की उम्र जीकर अलविदा कह गए। मेदांता के चिकित्सा प्रभारी व मेडिकल बुुलेटिन के अनुसार उन्हें ब्लड प्रेशर व यूरिन संक्रमण की समस्या के साथ ही सांस लेने में दिक्कत की शिकायत थी।

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार नेताजी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई, उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। सरकार ने श्री यादव के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। विगत दिनों मेदांता में चिकित्सा के दौरान देश के सभी प्रमुख नेता और अभिनेता उनके हालचाल जानने के लिए पहुंचे। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई बड़े नेता शामिल थे।

22 नवंबर, 1939 को इटावा जिले के सैफई नामक गांव में जन्मे नेताजी एक किसान परिवार से बिलॉन्ग करते थे। उनके पिता एक किसान थे। मुलायम सिंह यादव वर्तमान समय में मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद हैं। नेता जी को देश के प्रमुख समाजवादी विचारक नेताओं में गिना जाता था। वे यूपी के सीएम भी रह चुके हैं एवं केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी बनाये जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़ा कद रखने वाले नेता जी आठ बार विधायक और सात बार लोकसभा में सांसद चुने गए हैं। मुलायम सिंह यादव जिस बात को लेकर कभी-कभी चर्चा में रहे उसमें उनकी शादियां थीं। उनकी पहली पत्नी मालती देवी थीं, जिनकी मृत्यु मई 2003 में हुई थी। वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सगी माता थीं। मुलायम सिंह यादव की दूसरी शादी साधना गुप्ता से हुई थी। साधना से उत्पन्न पुत्र का नाम प्रतीक यादव है। विगत कुछ दिनों पहले साधना यादव का भी निधन हो चुका है।


राजनीतिक सफर


जनतादल के प्रदेश अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया। उसके बाद 1993 से 1995 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। फिर सांसद बने और रक्षा मंत्री भी बने। दोबारा सांसद चुने गए, तीसरी बार सांसद बनने के बाद लोकसभा पहुंचे और सदन में सपा के नेता बनाए गए। 2003 से 2007 तक उत्तर प्रदेश के पुनः मुख्यमंत्री रहे 2007 से 2009 तक उत्तर प्रदेश में नेताजी विपक्ष के प्रमुख नेता रहे।

वर्तमान समय 2019 में वह सातवीं बार सांसद चुने गए हैं। नेताजी समाजवाद के बड़े संघर्षशील शख्सियत थे। वह समाजवाद के सभी प्रखर नेताओं में शीर्श पर गिने जाते थे। उनके बाद समाजवादी खेमे की व्यापक क्षति को शायद ही कोई पूरा कर पाए। ऐसे नेताओं का जाना सत्ता ही नहीं देश को चिन्तन सम्पदा को खाली कर देता है। पत्रकारिता समाज की ओर से श्रद्धांजलि।