थाना केराकत में पुलिस द्वारा प्रार्थना लेने की जगह भगा दिया जाता है याची, शाम के आठ बजे ही सो जाते हैं थानाध्यक्ष
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
जौनपुर। जनपद के थाना केराकत में पुलिस द्वारा प्रार्थना न लेने और याची को भगा देने का माामला प्रकाश में आया है। राज्य स्तर पर उठ रहे अनेक सवालों के बीच योगी सरकार के साफ सुथरे प्रसाशन की पोल जैसे लगातार खुलती जा रही है। योगी राज में कई थानों से मिल रही खबरों के अनुसार शिकायत करने वालों के साथ स्थानीय थानाकर्मियों द्वारा खराब आचरण करने के मामले आए दिन बढते जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार ग्राम शिवरामपुर खुर्द का निवाशी राहुल सिंह पर 14 जुलाई की शाम को उसके गांव के असामाजिक तत्वों ने अवैध असलहे की बेेट और लात घूसों से प्रहार कर दिया। बदमाशों द्वारा राहुल सिंह को मार-मार कर घायल कर दिया गया। घायल राहुल सिंह को केराकत के डाक्टरों ने इलाज के लिए जौनपुर रेफर कर दिया।
अगले दिन जब तबीयत कुछ ठीक हुई तब 15 जुलाई को घायल राहुल स्थानीय थाने पर उक्त घटना की शिकायत लेकर गया। तब स्थानीय थाना केराकत मंे पुलिस द्वारा उससे प्रार्थना न लेकर उसे ही डाटा गया और शिकायत लेने की बजाय उसे यानि याची राहुल को थाने से भगा दिया गया।
राहुल ने स्थानीय अनिवार्य प्रश्न संवाददाता को बताया कि उसके गांव शिवरामपुर के ही रहने वाले मनीष सिंह घरेलू नाम मख्खन और विवेक सिंह घरेलू नाम गुड्डू ने मार-पीट कर घायल कर दिया है। मारपीट का कारण पूछने पर राहुल ने बताया है कि उक्त दोनों उसके जमीन को जबरदस्ती उससे लिखवाना चाहते हैं, जिसके लिए काफी दिनों से उसपर अनेकानेक प्रकार से दबाव बना रहे हैं। जब राहुल किसी भी प्रकार से जमीन लिखने के लिए तैयार नहीं हुआ तो अपना क्षोभ निकालने के लिए निराधार झगड़ा खोजकर उसे मारने लगे। उसपर उक्त असामाजिक तत्वों ने अवैध असलहे की बेेट और लात घूसों से प्रहार कर दिया और वह घायल हो गया।
याची राहुल ने आगे बताया है कि जब वह शिकायत लेकर थाने पर गया तो थानेदार मौजूद थे, सब सुनने के बाद वे कहीं चले गए और कहे की अभी आ रहे हैं। कुछ देर बैठने के बाद थाने के मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने फिर से हाल बताने को कहा। मैंने सारी बात बताई, तथा प्रार्थना दर्ज करने और जीवन रक्षा के लिए अनुरोघ किया। अचानक उन लोगों में आग लग गई। ऐसे दर्ज होती है शिकायत? साहब आएंगे तो कल आना भागो? जैसे शब्दों से चिल्लाने लगे। मैं सहम कर वापस आ गया।
उक्त प्रकरण में 15 जुलाई 2020 को शाम 08 बजे जब स्थानीय अनिवार्य प्रश्न संवाददाता ने केराकत थाने पर बात की तो थानेदार सो रहे थे। एक एस आई ने फोन पर घटना से अनभिग्यता जताई। ऐसे में अनिवार्य प्रश्न यह है कि अगर थाने इसी भांति चल रहे हैं तो मुख्यमंत्री की चिल्लाहट और दावों की सच्चाई क्या है? क्या आम आदमी राम भरोसे है?