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Aadhaar drives digital transformation: 225 crore Aadhaar authentication transactions and 43 crore e-KYC transactions in February

आधार ने डिजिटल परिवर्तन को गति दी: फरवरी में 225 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेनदेन और 43 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन हुए

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


आधार फेस ऑथेंटिकेशन में रिकॉर्ड वृद्धि: फरवरी में 12.54 करोड़ लेनदेन, कुल मिलाकर 115 करोड़


नई दिल्ली।

आधार भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ा रहा है, अकेले फरवरी 2025 में लगभग 225 करोड़ प्रमाणीकरण लेनदेन और 43 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए। आधार-आधारित सत्यापन को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति बैंकिंग, वित्त और अन्य क्षेत्रों में इसकी बढ़ती भूमिका को उजागर करती है, जिससे प्रक्रियाएँ अधिक सहज, सुरक्षित और कुशल बनती हैं।

फरवरी 2025 के दौरान किए गए ई-केवाईसी लेनदेन की कुल संख्या (42.89 करोड़) पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 14% अधिक है।

आधार ई-केवाईसी सेवा पारदर्शी और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करके तथा व्यापार को आसान बनाने में मदद करके बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

फरवरी 2025 के अंत तक आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की कुल संख्या 14,555 करोड़ को पार कर गई है।कुल ई-केवाईसी लेनदेन 2,311 करोड़ से अधिक हो गया है। आधार का उपयोग करके फेस ऑथेंटिकेशन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है आधार फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन में लगातार अच्छी बढ़ोतरी हो रही है। फरवरी में 12.54 करोड़ आधार फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन किए गए। अक्टूबर 2021 में इस ऑथेंटिकेशन मोडैलिटी को पहली बार शुरू किए जाने के बाद से यह अब तक का सबसे अधिक मासिक ट्रांजैक्शन है।

अब तक कम से कम 97 संस्थाओं ने फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना शुरू कर दिया है। कोटक महिंद्रा प्राइम लिमिटेड, फोनपे, करूर वैश्य बैंक और जेएंडके बैंक नए प्रवेशक हैं जिन्होंने फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना शुरू किया है।

कुल मिलाकर, फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन की संख्या 115 करोड़ को पार कर गई है, जब से इसे पहली बार शुरू किया गया था। कुल संख्या में से, लगभग 87 करोड़ ऐसे ट्रांजैक्शन अकेले इसी वित्तीय वर्ष में किए गए।

यूआईडीएआई द्वारा विकसित एआई/एमएल आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन का उपयोग वित्त, बीमा, फिनटेक, स्वास्थ्य और दूरसंचार सहित कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। केंद्र और राज्य दोनों ही स्तर पर कई सरकारी विभाग लक्षित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं।