Poetry: Literary Activities: Dr. Dayaram Vishwakarma

कविता : साहित्यिक गतिविधियाँ : डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा


कविता:


साहित्यिक गतिविधियों का, केंद्र बना उद्गार।
कविर्मनिषी विद्वत्जन का काशी का आगार।।
यहाँ सृजन का पथ आलोकित,दीप्त सृजन संसार। साहित्यिक…

इसके अभ्युदय से खुश हैं सारे रचनाकार।
नगर संग ही अन्य नगर के,कवियों का सत्कार।।
ख़ुशबू इसकी फ़ैल चुकी है,दूर क्षितिज के पार। साहित्यिक…

सच्चे मन से हम सब जुड़कर,करें इसे स्वीकार।
लेखन,सृजन व वाचन का, बने सदा आधार।।
संचालन कर बने लियाक़त,कितने हृदयों के हार। साहित्यिक…

सब कुछ छपकर ज्ञानलोक में लेता है अवतार।
कितने नवांकुर कवियों के सपने हुए साकार।।
मासिक गोष्ठी में शिरकत कर,पायें अद्भुत प्यार। साहित्यिक…

जुड़कर सारस्वत जन कितने,पाये हृदय प्रिय मान।
प० छतीश द्विवेदी इनका, करते रहे सदा गुणगान।।
आगे बढ़ता दिखता है,ज्योतिकांत अब यह परिवार। साहित्यिक…

वक्ता बनकर दयाराम ने, पायी जय जयकार।
वाणी की पश्यन्ती प्रभा है,उनकी अपरंपार।।
यहाँ के मंचों से प्रसिद्धि का, फैला कारोबार। साहित्यिक…

वक्ता श्रोता बैठ साथ में सुने सुनायें मधुर गीत।
कितनों में हो कानाफूशी,कितने हैं अपने मनमीत।।
मन होता है सराबोर सुन, गीत ग़ज़ल रसधार। साहित्यिक…


रचनाकार डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा : सुन्दरपुर वाराणसी