Guidelines issued regarding establishment of private university

निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


जयपुर। राज्य सरकार द्वारा जयपुर में नवीन निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महात्मा ज्योतिबा फूले विद्यापीठ समिति को आशय पत्र जारी किया गया है। दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि पृथक अधिनियम के तहत निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के नियमों के तहत दिशा निर्देश प्रदान किये गए हैं। अधिनियम में उल्लेखित शतोर्ं को पूरा करने के बाद समिति को निजी विश्वविद्यालय शुरु करने की अनुमति दी जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव डॉ. मोहम्मद नईम ने बताया कि दिशा-निर्देशों के तहत अधिनियम के शतोर्ं के तहत यह आशय पत्र जारी किया गया है। इसके अनुसार नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए स्थाई निधि की स्थापना किया जाना आवश्यक होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के लिए समीपस्थ स्थान पर न्यूनतम 30 एकड़ भूमि उपलब्ध होनी चाहिये तथा प्रशासनिक तथा अकादमिक गतिविधियों के लिए न्यूनतम 10 हजार वर्ग मीटर पर इमारत का निर्माण कार्य किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि न्यूनतम 10 लाख रुपये अथवा विनियामक निकाय के मानकों के अनुरूप, जो भी राशि ज्यादा हो उतनी किताबों तथा जनरल आदि की खरीद के लिए खर्च किये जाएंगे। इसके अलावा इमारत के अतिरिक्त कम्प्यूटर, फर्नीचर व अन्य चल तथा अचल सम्पत्तियों पर न्यूनतम 20 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे
नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समिति को अन्डरटेकिंग देनी होगी कि पहले 3 साल में लाइब्रेरी की सुविधाएं समकालीन शिक्षा तथा रिसर्च के लिए पर्याप्त हों यह सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम 50 लाख रुपये किताबों, जनरल, कम्प्यूटर, लाइब्रेरी नेटवकिर्ंग, तथा अन्य सुविधाओं के लिए खर्च किये जाएंगे, पहले पांच साल में इमारत के अलावा उपकरण, कम्प्यूटर, फर्नीचर, अन्य चल एवं अचल सम्पत्ति तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर न्यूनतन एक करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, विश्वविद्यालय द्वारा शुरु किये जाने वाले प्रत्येक विभाग में कम से कम एक प्रोफेसर, 2 रीडर्स, पर्याप्त संख्या में व्याख्याता तथा सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
संयुक्त शासन सचिव इन राशियों तथा विनियामक निकाय के मानकों के अनुरूप तय राशि में से जो भी राशि ज्यादा हो उसके अनुसार ही पालना की जाएगी। इसके अतिरिक्त यह अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि विद्यार्थियों के लाभ के लिए सह शैक्षणिक गतिविधियां जैसे खेल, एनएसएस, एनसीसी, सेमिनार, डिबेट्स, क्विज कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे, भविष्य निधि की स्थापना की जाएगी तथा विश्वविद्यालय के कार्मिकों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

संयुक्त सचिव ने बताया कि समिति को इन दिशा निर्देशों के अतिरिक्त यूजीसी, एआईसीटीसी अथवा संबंधित किसी संवैधानिक संस्था द्वारा प्रदान किये गए अन्य निर्देशों की पालना भी करनी होगी। उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत समिति द्वारा राज्य सरकार को अधिकतम एक वर्ष की समय सीमा में यह शपथ पत्र देना होगा कि आशय पत्र में दी गई सभी शतोर्ं का पालन कर लिया गया है।

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