मम्मी मेरा क्या कसूर था कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर मुझे छोड़ा दिया-सोनी (एक मासूम)
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
कानपुर। चार वर्षीय एक मासूम बालिका सोनी 20 मई को कानपुर सेन्ट्रल रेल स्थानक पर खोई हुई मिली है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसकी मां रेलवे स्टेशन पर उसे छोड़ गई थी। उससे मिलने और उसे देखने के बाद सहज उसकी आखों में उभरे सवाल पढे जा सकते थे कि मम्मी मेरा क्या कसूर था कि तुमने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर मुझे छोड़ दिया?
चाइल्ड लाइन की सतर्कता के कारण वह लड़की सोनी संज्ञान में आई है। जिसके पश्चात रेलवे स्टेशन कानपुर के कार्यकर्ताओं द्वारा बालिका को अपनी गोदी में लेकर साइलेंट कार्यालय लाया गया। बालिका की काउंसलिंग करने का अथक प्रयास किया गया लेकिन बालिका बेहद छोटी होने कारण अपने बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रही थी। सोनी की उम्र लगभग 4 वर्ष है। कार्यकर्ताओं द्वारा इसके अज्ञात अभिभावकों के बारे में थोड़ा बहुत भी जानकारी पाने का बहुत प्रयास किया गया।
सोनी फ्रॉक पहन रखी है और बालिका का रंग सांवला है। बालिका के परिजनों को ढूंढने के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं द्वारा कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर बालिका के साथ भ्रमण किया गया और परिजनों को ढूंढने के लिए घंटों प्रयास किया गया। लेकिन परिजनों की खोज नहीं हो सकी। सूत्रों के अनुसार सोनी की सूचना कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के जीआरपी केन्द्र को दी जा चुकी है।
रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक गौरव सचान ने बताया कि इस बालिका की खोज का प्रयास चाइल्ड लाइन कानपुर अपने स्तर से कर रही है। इसकी सूचना जीआरपी कंट्रोल रूम कानपुर व जीआरपी को दी जा चुकी है। उन्होंने आगे बताया कि बालिका को रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं में प्रदीप पाठक, उमाशंकर, रीता सचान, मंजू लता दूबे के साथ उर्सुला हॉस्पिटल में बालिका को कोरोना की जांच के लिए भेजा गया है। जिसके उपरांत बालिका को बाल कल्याण समिति कानपुर नगर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। रेलवे स्टेशन प्रभारी ने बताया कि परिजनों की लापरवाही के कारण नवजात व शिशु रेलवे स्टेशनों से बिछड़ जाते हैं और उन्हें परिजनों से दूर रहना पड़ता है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 317 व किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत जो बच्चे का संरक्षक है उसके द्वारा यदि बालक का परित्याग किया जाता है तो उसको एक वर्ष की सजा व तीन लाख के जुर्माने से दंडित करने का विधिक प्रावधान है।
जबकि रेलवे चाइल्ड लाइन के संज्ञान में बालिका को त्यागने का मामला प्रकाश में आता है तो जानकारी होने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कराई जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी नागरिक को सोनी की प्रकाशित तस्वीर के आधार पर उसके क्षेत्र व उसके अभिभावकों के बारे में कोई जानकारी हो तो वह रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के निशुल्क नंबर 1098 पर सूचना देकर बालिका को परिजनों से मिला सकता है।