Now online case registration in revenue courts

राजस्व न्यायालयों में अब ऑनलाइन केस रजिस्ट्रेशन


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


राजस्व न्यायालयों में अब ऑनलाइन केस रजिस्ट्रेशन की सुविधा
पेपरलेस कामकाज की दिशा में मंडल का अभिनव कदम


जयपुर, 22 अक्टूबर। राज्य के राजस्व न्यायालयों में वाद दायर करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने की सौगात दी गई है।  पेपरलेस कामकाज व ऑनलाइन सुविधा को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक अभिनव कदम है।

 
राजस्व मंडल की रजिस्ट्रार श्रीमती नम्रता वृष्णि ने बताया कि राजस्थान में पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देने एवं डिजिटलाइजेशन को गति प्रदान करने के दृष्टिगत राज्य में विविध स्तरीय राजस्व न्यायालयों के राजस्व वादों के ऑनलाइन फाइल करने की सुविधा विकसित की गई है।
 
उन्होंने बताया कि राजस्थान के सभी राजस्व न्यायालय जीसीएमएस (जनरलाइज्ड कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम) से जुड़े हुए हैं। जीसीएमएस के जरिये केस रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत अधिवक्ता अपनी एसएसओ आईडी लॉगइन कर वाद से संबंधित पूर्ण जानकारी का इंद्राज करेगा। इस प्रक्रिया के पश्चात एक एप्लीकेशन नंबर ऑनलाइन ही आवंटित हो जाएगा, इसी नंबर के आधार पर आवेदन करने पर राजस्व मंडल रजिस्ट्रार कोर्ट ऑनलाइन दर्ज की गई समस्त सूचनाओं के आधार पर केस रजिस्टर कर अभिभाषक को केस आईडी आवंटित कर देगा। इस प्रकार केस रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन सबमिशन की प्रक्रिया बिना समय गंवाए पूरी हो जाएगी। इससे जहां समय एवं श्रम की बचत होगी वहीं कोर्ट कार्यों में पारदर्शिता भी आयेगी।
 
नोटिस भी ऑनलाइन भिजवाए जाएंगे
 राजस्व मंडल की ओर से प्रतिदिन भेजे जाने वाले नोटिस या सम्मन जो तहसीलदार के स्तर पर तामील कराए जाते हैं, उन्हें भी ई-साइन कर ऑनलाइन भिजवाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। यह नोटिस अब सीधे संबंधित तहसीलदार के कंप्यूटर पर ऑनलाइन भेजे जाकर प्रिंट करते हुए संबंधित को तामील हो जाने के पश्चात पुनः स्कैन कर तहसीलदारों के मार्फत राजस्व मंडल को भिजवाया जा सकेगा।
 
यह सुविधाएं पहले से ही ऑनलाइन
जीसीएमएस पोर्टल के जरिए राजस्व मंडल सहित सभी अधीनस्थ न्यायालयों की कॉज लिस्ट पूर्व में ही ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही केस स्टेटस, सुनवाई की आगामी तिथि, संबंधित कोर्ट का विवरण, वाद का प्रकार सहित राजस्व न्यायालयों के निर्णयों को भी ऑनलाइन देखने की सुविधा जीसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध है। ये सुविधाएं पक्षकार अथवा अभिभाषकगण को यह अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर के जरिये असानी से सुलभ हो रही है।

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