कवि नंदलाल राजभर की काव्य पुस्तक ‘सृजन के फूल’ का हुआ लोकार्पण
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। काशी के वृद्ध कवि नंदलाल राजभर ‘नंदू’ की स्याही प्रकाशन से नव प्रकाशित हिन्दी काव्य पुस्तक ‘सृजन के फूल’ का लोकार्पण भोजूबीर स्थित ‘उद्गार’ संस्था के सभागार में दिनांक 01 सितम्बर 2024 को संपन्न हुआ। प्रकाशकीय संवाद व विचार प्रस्तुति में पं0 छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ ने कहा कि ‘कवि ने पुस्तक में अध्यात्म बोध व जीवन में मिले सुख दुख की कविताएं समाहित की है। इस पुस्तक में श्रृंगार की कविताएं भी हैं और वेदना के बिंब भी गढ़े गये हैं। पाठकों के लिए पुस्तक बहुत उपयोगी व रोचक है। कार्यक्रम में अध्यक्ष आचार्य आलोक द्विवेदी एवं मुख्य अतिथि सेवानिवृत साहित्यकार न्यायाधीश चंद्रभाल सुकुमार रहे। साहित्यकारों का स्वागत्, सेवा व लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन ‘उद्गार’ संस्था ने किया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि सेवानिवृत्ति मुख्य विकास अधिकारी दयाराम विश्वकर्मा, आकाशवाणी के कार्यक्रम निदेशक दिनेश सिंह एवं ट्रेजरी के ऑफिसर रहे नरेंद्र बहादुर सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन आचार्य टीकाराम शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में शताधिक कवियों ने भाग लिया और अपनी कविताएं पढ़ीं। अध्यक्ष ने संबोधन में कहा की नंदू जी गीत ऋषि हैं और इन्होंने युग के साथ शैली को बदलते हुए बेहद सुगम तरीके से और साधारण शब्दों में अपनी कविताओं को लिखा और रचा है जो सभी के लिए सुबोध है।
जिन कविजनों ने गोष्ठी में कविता पाठ किया उनमें सुनील कुमार सेठ, डॉक्टर एकता कुमारी गुप्ता, देवेंद्र पाण्डेय, चंद्रभूषण सिंह, रामनरेश पाल, आशिक बनारसी, खलील अहमद राही, बुद्धदेव तिवारी, रामशरण नाग, आनंदपाल, संदीप कुमार, रामकृष्ण मिश्रा, सुनील कुमार राजभर, अंजली मिश्रा, अजफर बनारसी, अशोक आज्ञान, जी. एल. पटेल, ध्रुव सिंह चौहान एवं डॉक्टर लियाकत अली सहित अनेक कवि शामिल रहे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में लोकार्पण एवं द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकारों का स्वागत्, सेवा व लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन ‘उद्गार’ संस्था के पदाधिकारियों ने किया।