कविता : शब्द : डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा
कविता : शब्द शब्दों को हैं ब्रह्म मानते, शब्द ब्रह्म का आराधक। दिखती है शब्दों की थिरकन, जग में सब, उसके साधक।। शब्दों के ही उद्बोधन से, अन्तर्मन के उठते … Read More
कविता : शब्द शब्दों को हैं ब्रह्म मानते, शब्द ब्रह्म का आराधक। दिखती है शब्दों की थिरकन, जग में सब, उसके साधक।। शब्दों के ही उद्बोधन से, अन्तर्मन के उठते … Read More
भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के प्रशंगवश उद्गार के संस्थापक की दो कवितायें/गीत गीत 01 हे राम! तुम्हें आना होगा! हे राम! तुम्हें आना होगा! मेरी बहने औ’’ मातायें दे … Read More
स्तम्भ: ‘डायरी लिखनी है’: भाग एक रोज रात को सोने से पहले डायरी लिखने की मेरी पुरानी आदत है। कभी भूल भी जाता हूँ तो धर्मपत्नी याद दिला देती हैं। … Read More
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। कुछ भरकर कुछ रीत गया है धरती पर, जाने क्या-क्या बीत गया है धरती पर: कुण्ठित उद्गार की 91 वीं कवि गोष्ठी संपन्न वाराणसी। साल 2023 … Read More
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। हनुमान चालीसा के बाद काशी ने दुनिया को दिया फिर एक ‘माँ सरस्वती चालीसा’ काशी से विश्व को मिला नया चालीसा वाराणसी। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित … Read More
मित्रों, गरीबी किसी का मान नहीं रखती, यानी गरीबी एक बहुत बड़ा अभिशाप है। गरीब व्यक्ति सदैव अभावों में अपना जीवन गुजारता है,उसके बच्चे अच्छी शिक्षा नही ग्रहण कर पाते, … Read More
(बंगाली कहानी का हिंदी अनुवाद) आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे थे, ठीक उसी समय योगेश बाबू ने कमरे में प्रवेश … Read More
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। अगले महीने तक पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली चर्चित पुस्तक ‘तेरी जीत मेरी हार’ के आवरण का लोकार्पण कवयित्री व लेखिका नीलिमा श्रीवास्तव जी … Read More
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। दिनांक 26 फरवरी, 2023 को भोजूबीर स्थित स्याही प्रकाशन के सभागार में लंबे समय तक ‘उद्गार’ संगठन के अध्यक्ष रहे और विगत दिनों दिवंगत हुए … Read More
आलेख। बौराया बनारस, बेहोश प्रशासन : छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ के साथ अनिवार्य प्रश्न फीचर डेस्क। बनारस की शान अपने आप में अनोखी है। यहां का हर आदमी अपने अल्हड़ता के … Read More