Complaint filed in Varanasi against those returning the award in support of farmers, to be heard on 22 December 2020

किसानों के समर्थन में पुरस्कार वापस करने वालों के खिलाफ वाराणसी में दायर हुआ परिवाद, 22 दिसंबर 2020 को होगी सुनवाई


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


वाराणसी। पंजाब व अन्य कुछ प्रांतों के कई खिलाड़ियों द्वारा पुरस्कार वापसी की क्रिया को गलत ठहराया जा रहा है। विगत दिनों प्रकाश सिंह बादल के द्वारा पुरस्कार वापसी के बाद पंजाब में कुछ खिलाड़ियों ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर पुरस्कार वापस करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था की सरकार अगर भारत बंद होने तक किसानों की बात नहीं मानती तो वह पुरस्कार वापस कर देंगे। जिसके बाद कुछ सम्मान प्राप्त खिलाड़ियों ने पुरस्कार वापस कर दिया है।

वाराणसी के वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेशचन्द्र त्रिपाठी ने इस पुरस्कार वापसी को लेकर वाराणसी न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। जिसकी सुनवाई 22 दिसंबर 2020 को होनी नियत हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री त्रिपाठी के अनुसार सरकारों द्वारा दिया गया कोई भी पुरस्कार राष्ट्र का पुरस्कार या सम्मान होता है। वह संपूर्ण राष्ट्र द्वारा दिया गया संपूर्ण राष्ट्र के लिए सम्मान निधि की तरह होता है। उसे व्यक्ति विशेष को तो दिया जाता है लेकिन वह व्यक्ति विशेष का होता नहीं है, और उसे वापस करना या कहे तो उसे किसी सरकार की तौहीन करने के लिए वापस करना या किसी सरकार या सत्ता के खिलाफत में वापस करना पूरी तरह से राष्ट्रद्रोह है।

अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने न्यायालय से मांग की है कि वह पुरस्कार वापस करने के कार्य को राष्ट्रद्रोह मानते हुए पुरस्कार वापस करने वालों पर सख्त कार्यवाही करे। ताकि आगे से सरकारी क्रियाकलाप में या उससे नाराजगी व्यक्त करने के लिए समाज में इतने आदृत अलंकारों का अपमान ना हो। साथ ही आगे सम्मान देने के समय यह सुनिश्चित भी हो कि सम्मान लेने वाला किसी सत्ता के खिलाफत में राष्ट्र का खिलाफत तो नहीं करेगा। देने से पहले यह तय किया जाए कि सम्मान व पुरस्कार प्राप्त करने वाला कभी राष्ट्र का अपमान तो नहीं करेगा।

अधिवक्ता श्री त्रिपाठी का कहना है कि इस तरह का कार्य बेहद निंदनीय है। ऐसे लोगों को तो सम्मान के लिए चुना ही नहीं जाना चाहिए था। सम्मान किसी व्यक्ति का नहीं संपूर्ण समाज व राष्ट्र का होता है। ऐसे में राष्ट्र का राष्ट्र के लिए किया गया सम्मान किसी व्यक्ति विशेष द्वारा वापस करना घृणास्पद कार्य है। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार वापस करने वाले खिलाड़ियों व लोगों में विजेंद्र सिंह, परगट सिंह उर्फ सरदार सिंह, प्रकाश सिंह बादल, पी. हरचरण सिंह, करतार सिंह, सज्जन सिंह, सुरेंद्र सिंह, कर्नल बलबीर सिंह, राजवीर कौर, जगदीश सिंह, बलदेव सिंह, अजीत सिंह, हरमीत सिंह, अजीत पाल सिंह, चंचल रंधावा, हरदीप सिंह, अजय सिंह, रामलाल व हरिंदर सिंह, सुमन शर्मा प्रेमचंद्र डोंगरा बलविंदर सिंह सरोज बाला बलजिंदर सिंह
प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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