Kasi-Tamil Sangamam event features over 1500 artistes, over 300 distinguished guests, 75 expert speakers

काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम में 1500 से अधिक कलाकार, 300 से अधिक विशिष्ट अतिथि, 75 विशेषज्ञ वक्ता शामिल


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। एक महीने तक चले काशी तमिल संगमम का शुक्रवार को भव्य आयोजन के साथ समापन हो गया। एम्फीथिएटर बीएचयू के मुक्ताकाशी प्रांगण में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अमित शाह, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।  इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, रवींद्र नारायण रवि, तमिलनाडु के माननीय राज्यपाल, धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, गंगापुरम किशन रेड्डी, पर्यटन, संस्कृति मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय, डॉ. लोगनाथन मुरुगन, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री, चमू कृष्ण शास्त्री, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष ,प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन, कुलपति बीएचयू, वी. कामकोटि, निदेशक आईआईटी मद्रास सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज एक प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की काशी – तमिल संगमम की कल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है,  लेकिन ये पूर्णाहुति नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति के दो शिखरों, यानी, तमिलनाडु की संस्कृति, दर्शन, भाषा, ज्ञान और पूरी दुनिया में मान्यताप्राप्त काशी नगरी के सांस्कृतिक मिलन की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि ये प्रयास आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, एक गुलामी के लंबे कालखंड ने हमारी सांस्कृतिक एकता, विरासत की विविधता और अलग-अलग संस्कृतियों में भारतीयता की एकरूपता को कुछ हद तक मलिन किया था, जिसे पुनर्जागरण की ज़रूरत थी। श्री शाह ने कहा कि काशी तमिल संगमम का आयोजन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत की सांस्कृतिक एकता के पुनर्जागरण का एक उत्तम प्रयास किया है।

श्री प्रधान ने कहा कि इस आयोजन के जरिए दो संस्कृतियों का मिलन हुआ।  इस संगमम में काशी और तमिल का जुड़ाव तो हुआ ही साथ ही काशी और तमिलवासियों को बहुत कुछ सीखने का अवसर भी मिला। इससे काशीवासियों को तमिल भाषा, साहित्य एवं संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर ​भी मिला है।श्री प्रधान ने कहा कि काशी तमिल संगमम की सफलता इसी से परिलक्षित होती है कि बीएचयू के ऐतिहासिक परिसर में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे। वहीं लाखों लोग डिजिटल माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी के 1500 से अधिक कलाकार, 300 से अधिक विशिष्ट अतिथि, 75 विशेषज्ञ वक्ता शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प और सिद्धि पर आधारित दो पुस्तकों ‘मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ और ‘आंबेडकर एवं मोदी: सुधारक का विचार परफॉर्मर का काम’ के तमिल संस्करण का विमोचन भी किया गया।

समापन समारोह के दौरान आयोजित सांस्कृतिक संध्या में तमिलनाडु और स्थानीय लोक कलाकारों के समूह द्वारा गायन वादन एवं नृत्य की मनोहारी एवं प्रभावशाली प्रस्तुति ने उपस्थित श्रोताओं का मन मोंह लिया।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को कायम रखने के लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया था।  एक महीने तक चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन 19 नवंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। सम्मेलन का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुर्नजीवित करना था। तमिलनाडु के सांस्कृतिक और लोक कलाकारों, साहित्यकारों, उद्यमियों, किसानों, धार्मिक लोगों, खिलाड़ियों आदि के छोटे जत्थों में 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों ने काशी तमिल संगमम उत्सव में भाग लिया। तमिलनाडु से आए समूहों ने काशी के अलावा प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण किया। सम्मेलन में उत्तर और दक्षिण के लोगों के बीच शिक्षा, कला और संस्कृति, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा कला, फिल्म, हथकरघा और हस्तशिल्प आदि की प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। एक माह के महोत्सव में केंद्रीय मंत्रियों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गण और गणमान्य अतिथि समय—समय पर आते रहे।