VaranasiTri-cycle provided to Divyang

दिव्यांगों को प्रदान की गई ट्राई-साइकिल


डॉक्टर राममूर्ति प्रसाद मिश्रा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में की जा रही दिव्यांगो की नियमित ममद


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। बड़ा गांव स्थित बलुआ ब्लॉक के हरेहुं में डॉक्टर राममूर्ति प्रसाद मिश्रा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में 16 दिव्यांगों को ट्राई साइकिल और व्हीलचेयर मानसिक और मंदिरा बच्चों को किड बैग और सेंसर स्टिक बांटी गई। कुल 22 दिव्यांगों को यह उपकरण प्रदान किया गया। विगत दिनो उक्त सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती को माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके के किया गया।

उपकरण प्रदान करते हुए संस्था के प्रबंध निदेशक डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा से मन को सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मानव सेवा का संकल्प करके सदैव अपने कार्यों को करना चाहिए। डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि अब तक हमारे इस संस्थान से 1,90000 दिव्यांगों और बेसहारा लोगों को उनकी जरूरत के सारे सामान प्रदान किये जा चुके हैं। यहअपने आप में एक कीर्तिमान है।
उन्होंने कहा कि समाज में हर व्यक्ति को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। कहा कि जब मैं जापान से लोगों को शिक्षा और प्रशिक्षण देकर सात सालों के बाद लौटा तो मुझे यह एहसास हुआ कि दिव्यांगों की सेवा में समर्पित भाव से लग जाना चाहिए। इसलिए मैंने राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना की और दिव्यांगों के लिए क.मक करने की विशेष शिक्षा शुरुआत की।

कैरियर सक्सेस स्कूल समेकित विद्यालय को भी अपने संस्था में एक स्थान दिया। जिसमें कैरियर के तहत सभी तरह की शिक्षाएं दी जाती हैं। हमारे संस्था में मानसिक मंदता बौद्धिक अक्षमता के लिए लगभग 35 सीटें मौजूद हैं। हमारे यहाँ उत्तर प्रदेश सरकार के नियमानुसार छात्रवृत्ति भी दी जाती है। इस तरह से हम सभी दिव्यांगों की सेवा करते हैं इनकी सेवा से ही मुझे मेरे मन को संतुष्टि मिलती है।

वही मुख्य अतिथि के रुप में पधारे पूर्व जिला विकास अधिकारी डाक्टर दयाराम विश्वकर्मा ने कहा कि दिव्यांगों और बेसहारों की मदद करना हर पूजा इबादत से बढ़कर है। इन्हें मिले उपकरण को संभाल कर रखना चाहिए और मन अंदर छिपे दश तरह के पापों से दूर रहना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के तौर पर आये जिला दिव्यांग अधिकारी वाराणसी के प्रतिनिधि डॉ. सौरभ सिंह ने कहा कि पात्र दिव्यांगों को उपकरण प्रदान कर हमें खुशी होती है। विशिष्ट अतिथि रमेश सिंह समन्वयक एवं अमरावती पुरुषोत्तम राजकीय दिव्यांग संस्थान ने दिव्यांगों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी के मन में दिव्यांगता का विचार नहीं होना चाहिए। शरीर दिव्यांग होता है मन नहीं मन की शक्ति को प्रबल करें, और आगे बढ़े। स्याही प्रकाशन के संस्थापक अध्यक्ष एवं अनिवार्य प्रश्न के संपादक छतिश दिवेदी कुंठित दिव्यांगों के भावनाओं को सुदृण बनाने की बात पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आप अपने शरीर की दिव्यांगता को महसूस ना करें बल्कि अपने मन को प्रबल बनाएं और अपनी आने वाले पीढ़ी को सवारें आज जिस तरह से डॉ ज्योति भूषण मिश्रा का कार्य है वह सराहनीय है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य आलोक द्विवेदी ने अपने रचना के माध्यम से दिव्यांगों को बल प्रदान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डाक्टर लियाकत अली ने कहाँ की आप दिव्यांग हैं लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें दिव्यांगता से दूर करें, और उन्हें देश और समाज का मजबूत स्तंभ बनाएं। सभी अतिथियों का स्वागत अधिवक्ता आशीष पांडेय ने किया और वहीं मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि और अध्यक्ष का डा. ज्योति भूषण मिश्रा ने अंग वस्त्र माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत सम्मान किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय प्रकाश तिवारी, प्रेम शंकर शुक्ला, विनोद मौर्य, विवेक उपाध्याय, प्रशांत तिवारी, कमलकांत मिश्रा, दरोगा दूबे, राज कुमार सिंह, मनीषी महासभा के अभिषेक उपाध्याय, और संस्था की कार्यकत्री पिंकी और वहाँ के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।