'Gitanjali' organized in memory of Geet Rishi 'Viyogi'

गीत ऋषि ‘वियोगी’ की याद में आयोजित की गई ‘गीतांजलि’


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। दिनांक 26 फरवरी, 2023 को भोजूबीर स्थित स्याही प्रकाशन के सभागार में लंबे समय तक ‘उद्गार’ संगठन के अध्यक्ष रहे और विगत दिनों दिवंगत हुए गीत ऋषि योगेंद्र नारायण चतुर्वेदी ‘वियोगी’ को उनके स्वर्ग प्रयाण के बाद संस्था व आसपास के कई जिलों के साहित्यकार इकट्ठा होकर अपने प्रेम और उनके लिये अपनी गहन श्रद्धा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर गीतांजलि अर्पित किये।

इस गीतांजलि कार्यक्रम में अध्यक्ष व अतिथि नामित नहीं किए गए। चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर व जौनपुर आदि जनपदों के कवि और उनके संगाती साहित्यकारों ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपने गीत पुष्प और श्रद्धा भाव अर्पित किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित होने वाले गणमान्य साहित्यकारों में उद्गार के संस्थापक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’, डा. चंद्रभाल सुकुमार, डॉ महेंद्र प्रताप सिंह, डॉक्टर डीआर विश्वकर्मा, आचार्य आलोक द्विवेदी, सिब्बी मंमगाई, सुनील कुमार सेठ, विंध्यवासिनी मिश्रा, डॉक्टर शरद श्रीवास्तव शरद, खुशी मिश्रा, हर्षवर्धन मंमगाई, माधुरी मिश्रा, मनोज मिश्रा, राजेंद्र प्रसाद गुप्त बावरा, चंद्र भूषण सिंह, कवि अलियार चन्दौलवी, तेजबली अनपढ़, वसीम अहमद, डॉक्टर कृष्ण प्रकाश श्रीवास्तव ‘प्रकाशानंद’, नगेंद्र सिंह, विजय कुमार यादव, कैलाशनाथ यादव, रामकृष्ण मिश्र, नंदलाल राजभर, रामनरेश पाल, दिलीप कुमार, आशिक, अंजली मिश्रा, ‘निथा’, प्रसन्न वदन चतुर्वेदी, संतोष कुमार प्रीत, दीपक दबंग, आशीष पाण्डेय, आशिक बनारसी एवं खलील अहमद राही सहित आकाश कहार, प्रियांशु मिश्रा, साहिल मौर्या और रेहान अली आदि गणमान्य जन प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन उद्गार के उपाध्यक्ष डॉक्टर लियाकत अली ने एवं गीतांजलि कार्यक्रम में स्वागत व धन्यवाद सहित अश्रु आभार ज्ञापन संस्थापक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’, ने किया। सभी साहित्यकारों ने अमर गीत ऋषि योगेंद्र नारायण चतुवेर्दी ‘वियोगी’ को खोना साहित्य जगत का बड़ा नुकसान बताया और कई साहित्यकार तो कार्यक्रम भर रोते रहे। कार्यक्रम आंसुओं के साथ आरंभ हुआ और आंसुओं की धार में चलता रहा। उनके साथ जिए तथा समय बिताए साहित्यकारों ने रो-रोकर कविताएं पढ़ीं। पूरे कार्यक्रम भर सबकी आंखें भावनाओं को छलकाती रहीं।