What is the action taken in cases of violation of code of conduct?

क्या होती है आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर कारवाई


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। समाज में निष्पक्ष चुनाव कराने व किसी तरह के प्रलोभन एवं भ्रष्टाचार से मुक्त चुनाव संपन्न करने के अनेक नीतियों और कई प्रकार के कठोर प्रतिबंधों के आधार पर बनाई गई आचार संहिता के उल्लंघन के मामले भी बहुत होते हैं, लेकिन अनेक जनपदों से अनिवार्य प्रश्न संवाददाताओं से प्राप्त की गई जानकारी में जिला निर्वाचन विभाग यह बताने में असफल रहे कि पिछले संपन्न हुए अनेक चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर क्या कार्रवाई हुई और ऐसे आचार संहिता के उल्लंघन के कुल कितने मामले दर्ज किए गए।

पूर्वांचल के कई जनपदों में जिसमें वाराणसी भी शामिल है, से ली गई जानकारी में जिला निर्वाचन कार्यालय यह बता नहीं पाये कि गत समयों में हुए कई प्रकार के, कई चक्र व स्तर के चुनावों में जो आचार संहिता के उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए उन पर क्या कार्यवाही की गयी? प्रत्येक चुनाव में कितने मामले दर्ज किए गए?
ऐसे में अनिवार्य प्रश्न यही होता है कि आचर संहिता लागू तो की जाती है पर तोड़ने वालों के सामूहिक धर-पकड़ के बाद आगे की कार्रवाई क्या होती है? क्या बाद में सब लीपा पोती की जाती है और प्रभाव व धनबल के आधार पर या भ्रष्टाचार के आसरे उनको छोड़ दिया जाता है?

कई विद्वानों का मत है कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले दर्ज करने व उनकी कार्यवाही के लिए अलग से निगरानी अनुभाग बनाए जाने चाहिए, ताकि आचार संहिता उल्लंघन के बाद पकड़े गए लोगों / अभियुक्तों के साथ निष्पक्ष व न्यायपूर्ण कार्रवाई की जा सके। इससे आचार संहिता का महत्व बढ़ेगा और सही से लागू हो पायेगी। साथ ही इससे जुड़े आपराधिक आंकड़े भी सार्वजनिक हो सकेंगे।