Fortnight is of Hindi Kanchan Singh Parihar

पखवाड़ा है हिंदी का : कंचन सिंह परिहार


नवगीत : पखवाड़ा है हिंदी का


पखवाड़ा है हिंदी का,
पखवाड़ा है हिंदी का।
आओ मिलकर साथ मनाएं,
पखवाड़ा है हिंदी का।।1।।

कल तक वो जो अंग्रेजी के
गुण गाने में व्यस्त रहे ,
वो भी मिलकर आज मनाते
पखवाड़ा है हिंदी का।।2।।

अब गलियों से चौराहों तक
हिंदी का स्वर गूँज रहा है,
लेख लिखा है अखबारों ने
पखवाड़ा है हिंदी का।।3।।

कार्यालय में भाषण होते
और गीत गाये जाते,
बैनर बाहर लगा हुआ है
पखवाड़ा है हिंदी का।।4।।

सभा गोष्ठियां नित्य हो रही
हिंदी के विद्वानों की,
सम्मानित भी खूब हो रहे
पखवाड़ा है हिंदी का।।5।।

हिंदी का ये शुक्लपक्ष है
फिर वार्षिक अंधियारा है,
गतिविधियाँ पूरी करनी हैं
पखवाड़ा है हिंदी का।।6।।

राष्ट्र की भाषा हिंदी बनकर
जब जन – जन में गूँजेगी,
तब श्कंचनश् सच्चे अर्थों में
पखवाड़ा है हिंदी का।।7।।


लेखक राजकीय जिला पुस्तकालय वाराणसी के पुस्तकालयाध्यक्ष हैं।


 

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