अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु योजनायें संचालित, 15 जून तक करें आवेदन

 


अनिवार्य प्रश्न। संवाद


कानपुर देहात। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों व परिवार जिनकी ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय-46080 रूपये एवं नगरीय क्षेत्र में वार्षिक आय 56460 रूपये से कम है, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु अनेक योजनायें संचालित की गई हैं। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों के आर्थिक उत्थान हेतु उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार सभी योजनाओं में आधार कार्ड, पहचान प्रपत्र, दो फोटो तथा तहसील स्तर से प्राप्त आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना आवश्यक है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) अनिल कुमार ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्वतः रोजगार योजना) के योजना के बारे में बताया कि इस योजनान्तर्गत अनु० जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग व व्यवसाय संचालित करने हेतु राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से बीसहजार रूपये से लेकर पन्द्रह लाख रूपये तक की योजनाएं स्वीकृत करायी जाती हैं, जिसमें दस हजार रूपये अनुदान व पचास हजार रूपये से अधिक की योजनाओं में योजना लागत का 25 प्रतिशत भाग 04 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर मार्जिन मनी ऋण के रूप में दिया जाता है। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना- ऐसे अनुसूचित जाति के पात्र परिवार जिनके पास 13.32 वर्गमीटर व्यवसायिक स्थल पर भूमि उपलब्ध है उन्हें स्वयं द्वारा दुकान निर्माण कराने हेतु दो किस्तों में (58500़19500) कुल 78000.00 रूपये उनके खाते में भुगतान कर दुकान का निर्माण कराया जाता है, जिसमें दस हजार रूपये अनुदान एवं अड़साठ हजार रूपये बिना ब्याज का ऋण होता है। जिसकी अदायगी 120 मासिक किस्तों में करनी होती है। इसमें तहसील द्वारा निर्गत आय, जाति निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड तथा भूमि का प्रपत्र एवं तहसील द्वारा प्राप्त जमीन का नजरी नक्शा आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।

लाण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना- धोबी जाति के आर्थिक उत्थान हेतु विभाग द्वारा लाण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत-216000.00 रूपये तथा 100000.00 रूपये है। जिसमें क्रमशः 10000 रूपये अनुदान एवं 206000 तथा 90000 रूपये बिना ब्याज का ऋण होता है। ऋण की अदायगी के कम में आवेदक से एक सरकारी सेवक की गारन्टी भी ली जाती है। ऋण की अदायगी 60 समान मासिक किस्तों में करनी होती है। सिलाई व टेलरिंग योजना- अनुसूचित जाति के युवक व युवतियों के आर्थिक उत्थान हेतु विभाग द्वारा सिलाईध् टेलरिंग योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत-20000 रूपये है जिसमें 10000 रूपये अनुदान एवं 10000 रूपये बिना ब्याज का ऋण होता है। उन्होंने बताया कि उक्त समस्त योजनाओं में लाभ प्राप्त करने हेतु ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अपने विकास खण्ड में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण अथवा खण्ड विकास अधिकारी से एवं नगरीय क्षेत्र के पात्र व्यक्ति कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) पदेन जिला प्रबन्धक, उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0, कमरा नं0 112 विकास भवन माती कानपुर देहात में सहायक प्रबन्धक अथवा किसी कार्यालय सहायक से जानकारी प्राप्त कर उक्त योजनाओं में लाभान्वित होने के लिए 15 जून 2020 तक आवेदन कर सकते हैं।

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