Agricultural scientists of Varanasi participate in seminar

सेमिनार में वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों का परचम


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


वाराणसी। सैम हिंगिंगबाटम राज्य कृषि विश्वविद्यालय नैनी एवं उपकार लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में बीते बुधवार को प्रयागराज में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। मधुमक्खी पालन की प्रगति थीम पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह द्वारा सतत विकास के लिए अच्छी मधुमक्खी पालन प्रथाए। विषय पर एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ.प्रतीक्षा सिंह ने शहद का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर बेहतरीन व्याख्यान दिया गया। मधुमक्खी पालन (वीकीपिंग)पर आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार की अध्यक्षता विश्वविद्याय के कुलपति राजेंद्र बी.लाल ने की।मुख्यातिथि के रूप में।

महानिदेशक- उपकार लखनऊ के डा. संजय सिंह एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपर निदेशक कृषि प्रसार डॉ. राम रतन सिंह उपस्थित रहे।मुख्य वक्ता के रूप में सेमिनार में प्रतिभाग कर रहे कृषि विज्ञान केंद्र, वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक पद्धति, इससे मिलने वाले उत्पाद जैसे शहद, पराग, प्रोपोलिश, मोम, राज अवलेह, मौन विष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसके प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों के व्याख्यान की सराहना फीडबैक के रूप में राष्ट्रीय सेमिनार के प्रतिभागियों ने की। प्रयागराज में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कई प्रदेशों के सौ से ज्यादा की संख्या में किसानों के साथ ही कृषि विज्ञान के विद्यार्थियों व प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी पर प्रशिक्षण ले रही छात्रा शिवानी सिंह द्वारा इस सेमिनार में पोस्टर का प्रस्तुतीकरण किया गया। राष्ट्रीय सेमिनार में वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों के बेहतर प्रस्तुतीकरण पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. नरेंद्र रघुवंशी, डा.एनके सिंह, प्रकाश,डा. अमितेश,डा. मनीष,राणा पियूष, अरविंद गौतम आदि ने प्रतिभागी वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी हैं।