राष्ट्रीय कृषि संहिता : एक विश्लेषण
अनिवार्य प्रश्न। फीचर डेस्क।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। देश की विशाल जनसंख्या को भोजन प्रदान करने के साथ-साथ, यह लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करती है। कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न नीतियां और कार्यक्रम लागू करती रही है। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहल राष्ट्रीय कृषि संहिता (छंजपवदंस ।हतपबनसजनतम ब्वकम) है। यह संहिता भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और इसे आधुनिक बनाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है।
जाने कि राष्ट्रीय कृषि संहिता क्या है?
राष्ट्रीय कृषि संहिता एक व्यापक कानूनी ढांचा है जो कृषि से संबंधित सभी पहलुओं को संबोधित करता है। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाना है। इस संहिता के माध्यम से सरकार का लक्ष्य किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना और कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय कृषि संहिता के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
संहिता का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार लाना है। इसमें फसल उत्पादन, सिंचाई, कृषि विपणन, कृषि ऋण और कृषि बीमा जैसी विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया है। संहिता का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना है। इसके लिए संहिता में किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने, कृषि लागत कम करने और कृषि उत्पादों के लिए नए बाजार खोजने के उपाय सुझाए गए हैं। संहिता में कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए बीजों की गुणवत्ता, खाद और कीटनाशकों के उपयोग, और खाद्य सुरक्षा मानकों पर ध्यान दिया गया है।
कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देनारू संहिता का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है। इसके लिए सरकार ने निजी क्षेत्र को कृषि क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है। संहिता में कृषि विपणन में सुधार लाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए ई-कॉमर्स और अन्य तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
राष्ट्रीय कृषि संहिता की प्रमुख विशेषताएं
संहिता कृषि से संबंधित सभी पहलुओं को एक समन्वित दृष्टिकोण से देखती है। संहिता किसानों के हितों को सर्वाेपरि रखती है। संहिता बाजार आधारित कृषि को बढ़ावा देती है। संहिता कृषि में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देती है। संहिता में राज्य सरकारों की भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है।
राष्ट्रीय कृषि संहिता के चुनौतियाँ
संहिता के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रभावी प्रशासनिक तंत्र की आवश्यकता होती है। किसानों को संहिता के लाभों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। कई क्षेत्रों में सिंचाई, सड़क और भंडारण जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बाजार में उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान हो सकता है।
राष्ट्रीय कृषि संहिता भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संहिता के सफल कार्यान्वयन से किसानों की आय में वृद्धि होगी, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। हालांकि, संहिता के सफल कार्यान्वयन के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा। सरकार को इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रभावी उपाय करने होंगे।