Desh-Duniya1,93,814 cases pending in Fast Track Special Courts including POCSO as on 31.10.2022

पॉक्सो सहित फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों में 31.10.2022 तक 1,93,814 मामले लंबित


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। कानून और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचित किया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) की स्थापना और इसका संचालन राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में है, जो अपनी आवश्यकता और संसाधनों के अनुसार तथा संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से इस तरह की अदालतों की स्थापना करती हैं। उच्च न्यायालयों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, 2017 के बाद 242 और एफटीसी की स्थापना की गयी है। (31.12.2017 तक 596 एफटीसी मौजूद थे, जो 31.10.2022 तक बढ़कर 838 हो गए हैं)।

केंद्र सरकार ने अक्टूबर, 2019 में 1023 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की है, जिसमें 31 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के 389 विशिष्ट पॉक्सो न्यायालय शामिल हैं, जो दुष्कर्म और पॉक्सो अधिनियम से संबंधित मामलों के त्वरित जांच और निपटान के लिए हैं तथा आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 और भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्वत: संज्ञान 1/2019 दिनांक 25.7.2019 के निर्देशानुसार संचालित हैं। प्रारंभ में यह योजना 1 वर्ष के लिए थी, जिसे अब 31.03.2023 तक के लिए जारी रखा गया है। उच्च न्यायालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 28 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 413 विशिष्ट पॉक्सो न्यायालयों सहित 733 एफटीएससी संचालित किये जा रहे हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत के बाद से कुल 1,24,000 से अधिक मामलों का निपटान किया है और इन अदालतों में 31.10.2022 तक 1,93,814 मामले लंबित हैं।