Tribute meeting organized in memory of Shankaracharya Brahmalin Swami Swaroopanand Saraswati

शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


जौनपुर। ज्योतिष्पीठ एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर श्रीमत् शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की स्मृति में समाराधना, श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन कुटीर संस्थान कुटीर चक्के जौनपुर एवं संस्कृत विद्यालय परिवार, जौनपुर के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ एवं समापन अन्नपूर्णा संस्कृत पाठशाला शिवपुर, वाराणसी के आचार्य एवं विद्यार्थियों द्वारा गीता पाठ और शांति पाठ के द्वारा किया गया। त्रिदेव स्तुति प्रधानाचार्य धर्मेंद्र दूबे तथा प्रस्तावना उद्बोधन प्राचार्य रमेश मणि त्रिपाठी व गुरु वंदना आचार्य अखिलेश ने किया। कार्यक्रम में वैष्णव जन भजन का गायन एक छात्रा मधु ने किया।

डॉ. राकेश मिश्र ने अपने संबोधन में स्वामी जी के यशपूर्ण एवं सनातन धर्म के प्रति किए गए कार्यों तथा उनके जीवन काल की घटनाओं का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया। मौजूद विद्यार्थियों और आचार्यगण ने वेदपाठ के गुंजार के साथ श्रद्धांजलि दी, साथ ही सभा कक्ष में उपस्थित सभी लोगों द्वारा कतारबद्ध होकर स्वामी श्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

संचालक साहित्याचार्य पं. श्यामजी और अनेक वक्ताओं द्वारा देवभाषा संस्कृत में दिया गया व्याख्यान कार्यक्रम को अभुतूर्व आकर्षक स्वरुप प्रदान करने के साथ ही गौरवमयी बना दिया।

श्रद्धांजलि सभा में ओम प्रकाश चतुर्वेदी लोकपाल वाराणसी मंडल, अनिल उपाध्याय प्रबंधक संस्कृत महाविद्यालय खेतासराय, श्री गीता साहित्य कुटीर के मंत्री भूषण मिश्र, पूर्व कुलपति डॉ धरणीधर के साथ अन्य संस्कृत पाठशालाओं के वर्तमान एवं पूर्व प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। अन्य उपस्थितों में रवि मिश्रा, मनोज मिश्रा, जितेन्द्र पाण्डेय, रामचंद्र चौबे, बाबुलनाथ दूबे, राजनाथ पाण्डेय व डॉ. राकेश मिश्र प्रमुख रहे।

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों को गीता की पुस्तक और कल्याण पत्रिका भेंट कर आभार संबोधन व्यवस्थापक डॉ. अजयेंद्र कुमार दूबे ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी श्री के रूप में एक युग का अवसान हुवा है। हम सभी को अपने महापुरुष द्वारा प्रदर्शित सन्मार्ग का अनुसरण करना कल्याणकारी है। बटुक पूजन डॉ. अनूप व आचार्य प्रेमशंकर ने किया। कार्यक्रम में कुटीर महाविद्यालय, कुटीर इंटरमीडिएट कालेज, कुटीर बालिका विद्यालय के साथ जौनपुर व वाराणसी जनपद के विभिन्न संस्कृत पाठशालाओं जैसे जलालपुर, कोल्हुवा, मुरलीपुर, चंदवक, उदयचंदपुर, रासमंडल, नरी खुंशापुर, जगापुर, पठकौली भदखिन, भायत भोपापुर व गोहपुर आदि के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने भावपूर्ण सहभाग किया।