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One day seminar organized by Uttar Pradesh Bhasha Sansthan

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। आज दिनांक 9 मार्च 2025 को ‘पद्मभूषण सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं में स्त्री विमर्श‘ विषय पर उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन भोजूबीर स्थित ‘उद्गार’ सभागार में अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ।
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं में स्त्री विमर्श पर विस्तृत चर्चा करते हुए पण्डित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ ने कहा कि सुभद्रा जी ने ‘झांसी की रानी’ कविता के माध्यम से स्त्री के शौर्य और बल को रेखांकित करते हुए उनके अंदर उत्साह और ऊर्जा का संचार पैदा करती है।
वहीं प्रोफेसर अशोक राय ने कहा की खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी ऐसी वीरांगना चरित्र को कविता के माध्यम से विश्व पटल पर नारी के स्वावलंबी एवं उनमें आत्म बल के साथ संघर्ष करने की सोच को विकसित करती है।

वक्ता सुनील सेठ ने कहा कि आज नारी को अपने आत्म सम्मान और गौरव की रक्षा करने का समय है जिसकी नसीहत सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं से मिलती है। श्रीमती रचना तिवारी एवं अंचला पाण्डेय के साथ ही श्रीमती प्रज्ञा श्री ने अपने विचारों को विस्तार पूर्वक रखा। इस कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 लियाकत अली ने किया। कार्यक्रम का संयोजन जाने-माने हास्य कवि डॉक्टर अशोक राय अज्ञान ने किया और अंत में सभागार में उपस्थित सभी जनमानस के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख साहित्यकारों में चंद्र भूषण सिंह, खुशी मिश्रा, रितु पटेल, आननद कृष्ण मासूम, प्रकाशानंद, जीएल पटेल एवं वैभवी आनंद आदि उपस्थित थे।