मुम्बई की कवयित्री सिंधवासिनी तिवारी सिंधु को दिया गया उद्गार साहित्य सम्मान
साहित्य समाज को और कविता कल्पना की भावुकता को दिशा देने में सक्षम-पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। आज 19 मई 2024 को उद्गार साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संगठन की तीसरी रविवासरीय मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन स्याही प्रकाशन के उद्गार सभागार में किया गया। संयोजित काव्य व सम्मान सभा में पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ ने मुंबई से चलकर आयी साहित्यकार व कवयित्री सिंधवासनी तिवारी सिंधु व विन्ध्यवासिनी मिश्रा का सम्मान अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर किया।
कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष संध्या श्रीवास्तव सरस व बतौर मुख्य अतिथि कवयित्री सिंधवासनी तिवारी सिंधु रही। साथ ही बतौर विशिष्ट अतिथि 9 पुस्तकों के लेखक नरेन्द्र बहादुर सिंह रहे। इन्होंने भारतीय दर्शन पर अपना व्याख्यान दिया।
सभा का सफल संचालन डॉक्टर लियाकत अली, सुनील कुमार सेठ व अनुषा मिश्रा ने सयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अतिथियों ने किया और सरस्वती वंदना कवि सुनील कुमार सेठ व राम नरेश पाल ने किया। कार्यक्रम में कई जनपदों से पधारे कवि और कवयित्रियों ने अपनी कविता का पाठ किया। जिसमें रज्जू प्रसाद, वसीम अहमद, रामनरेश पाल, चन्द्र भूषण सिंह, नंदलाल राजभर नन्दू, आशिक कुमार आशिक, आशिक बनारसी और खलील अहमद राही, अजफर बनारसी, दीपक दबंग, जीएल पटेल, सिब्बी ममगाई, रामकृष्ण मिश्र, विन्ध्यवासिनी मिश्र, माधुरी मिश्रा, एकता मिश्रा, खुशी मिश्रा, अतुल चौधरी, आयुश सिंह, आदि साहित्यकारजन शामिल रहे।
कार्यक्रम में कवियों द्वारा डॉ. महेन्द्र प्रताप सिंह के कर्करोग के शल्य चिकित्सा के उपरान्त शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामना भी दी गयी।