दुकानों को रंगने के लिये क्षेत्रीय व्यापारियों पर दबाव डाल रहे मनमाने अधिकारी, व्यापारिक संगठन कर सकते हैं आन्दोलन
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। आगामी जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर कुछ मनमाने अधिकारी व्यापारियों को अपनी दुकानों का खुद के खर्च पर रंग रोगन कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं। जबकि अनेक व्यापारियों का कहना है कि खस्ताहाल व्याापार के दौर में अचानक से आये खर्च के इस बोझ को वे नहीं उठा सकते। शासन से रंगाई के लिये ऐसा कोई आदेश भी नहीं हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी कार्यालय में भी अभी इस बावत विचार चल रहा है कि रंगाई और पुताई का क्या किया जाये।
लेकिन क्षेत्र में अतिक्रमण सफाई अभियान पर निकले प्रशासनिक सेवकों का साहबी नशा इतना ज्यादा है कि वे दुकान रंगने का निजी आदेश सभी दुकानदारों को सुना दे रहे हैं। व्यापारियों की इस नाराजगी तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके शोषण को देखते हुए शुक्रवार को काशी नटिनियादाई व्यापार मंडल के उच्च पदाधिकारियों ने शीर्श अफसरों संग बैठक कर इस फरमान का विरोध किया।
काशी नटिनियादाई व्यापार मंडल के अध्यक्ष शरद वर्मा ने कहा कि अधिकारी ऐसा न करने पर कार्रवाई करने की चेतवनी दे रहे हैं, जो जो हिटलरशीप की भांति निंदनीय है। संगठन के उपाध्यक्ष दीपू कश्यप व संरक्षक डॉ. एपी सिंह ने कहा कि व्यापारी स्वयं के खर्च पर रंग रोगन करने की स्थिति में नहीं है। प्रशासन चाहे तो अपने व्यय से दुकानों का रंग रोगन करा ले।
उक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर प्रशासन आगे भी दबाव बनाएगा तो इसका विरोध किया जाएगा। संगठन का कहना है कि इस मामले में व्यापारियों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। बैठक के दौरान संरक्षक राजेश श्रीवास्तव, प्रभारी बबलू, संयोजक राजेश वर्मा, सहसंयोजक राधेश्याम गोंड, संजय वर्मा, कोषध्यक्ष आनंद जायसवाल, शिवगुप्ता, पंकज सिंह, करन यादव, अमित वर्मा, ओमवीर सिंह, मनोरंजन सिंह, रवि प्रकाश गुप्ता, अविनाश राज पांडेय, पप्पू शर्मा आदि मौजूद थे।