Discussion concluded on the topic of 'Kashi Manishi Samman', Poetry Conference and Disability, current education system and employment

‘काशी मनीषी सम्मान’, कवि सम्मेलन व दिव्यांगता, वर्तमान शिक्षा व्यवस्था एवं रोजगार विषय पर परिचर्चा संपन्न


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


अतिथि उवाच-
दिव्यांगों की उपयुक्त शिक्षा व रोजगार देने में डॉ. राममूर्ति प्रसाद मिश्र प्रशिक्षण संस्थान हरेहूँ अग्रणी है: डॉं महेंद्र प्रताप सिंह

दिव्यांगों को सहानुभूति व शिक्षा देकर समर्थ बनाये संस्था: डॉ. दयाराम विश्वकर्मा
असक्तों की सेवा हमारा लक्ष्य: डा. ज्योति भूषण मिश्रा
साहित्य व समाज की सेवा ही मानवता की सेवा है: छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’


डॉ. अजयेन्द्र कुमार दूबे को मिला ‘काशी मनीषी सम्मान’


वाराणसी। डॉ. राममूर्ति प्रसाद मिश्र प्रशिक्षण संस्थान हरेहूं, बड़गांव एवं वाराणसी की साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संस्था ‘उद्गार- के साथ स्याही प्रकाशन के संयुक्त तत्वाधान में ‘दिव्यांगता, वर्तमान शिक्षा व्यवस्था एवं रोजगार’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काशी मनीषी महासभा द्वारा ‘काशी मनीषी सम्मान’ का आयोजन भी किया गया और यह सम्मान डॉ. अजयेन्द्र कुमार दूबे को दिया गया। यहाँ। उल्लेखनीय है कि डॉ. अजयेन्द्र कुमार दूबे कुटीर पीजी कॉलेज चक्के जौनपुर, काशी प्रांत के प्रबंधक हैं। उन्होंने समाज में सेवा व शिक्षा को प्रमुख मानते हुए विद्यार्थियों को जीवन उत्थान में सहयोगी की भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम में डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने अध्यक्षता की एवं मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. अजयेन्द्र कुमार दूबे रहे। कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर विनीता, साहित्यकार व पूर्व उपपुलिस अधीक्षक दीनानाथ द्विवेदी ‘किंकर’ एवं मुख्य वक्ता के तौर पर दयाराम विश्वकर्मा, पूर्व जिला विकास अधिकारी के कई अतिथि मौजूद रहे।

सभा में विषयोद्घाटन सहित अतिथियों का स्वागत व आभार ‘उद्गार’ संस्था के संस्थापक एवं प्रकाशक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ और प्रशिक्षण संस्थान निदेशक डॉ. ज्योति भूषण मिश्रा ने संयुक्त रुप से किया। यह आयोजन डॉ राम मूर्ति मिश्र प्रशिक्षण संस्थान, हरेहूं, ब्लॉक बड़ागांव, वाराणसी के सभागार में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पीएसएस के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि दिव्यांजनों की सेवा में उपयुक्त शिक्षा का प्रबंध कर उनके जीवन को समर्थ बनाने और रोजगार मुहैया कराने के लिए डॉक्टर राममूर्ति प्रसाद मिश्र प्रशिक्षण संस्थान को सराहा जा रहा है और ऐसे ही काम करता रहा तोे आगे भी समाज में इसकी प्रशंसा की जाएगी। जहां ‘उद्गार’ संगठन का सवाल है इसने साहित्यिक-सामाजिक सेवा के लिए कीर्तिमान प्रस्तुत किया है, तथा सहयोगी ‘स्याही प्रकाशन’ समूह ने विगत दशक में वाराणसी में प्रकाशन के अनेक आयाम और मानदंड खड़े कर दिए हैं। वहीं बोलते हुए मुख्य वक्ता व पूर्व जिला विकास अधिकारी डॉ. दयाराम विश्वकर्मा ने कहा कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है, लेकिन ईश्वर के इस दी गई अशक्तता के कारण समाज को दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। डॉ. राममूर्ति प्रसाद मिश्र प्रशिक्षण संस्थान हरेहूं, बड़गांव द्वारा बेहद संवेदनशील तरीके से शिक्षा मुहैया कराते हुए रोजगार की तरफ ले जाकर दिव्यांगों को समर्थन बनाया जा रहा है। ऐसे में इस संस्था को साधुवाद देना चाहिए। साथ ही साहित्यिक और सामाजिक सेवा के लिए ‘उद्गार’ संगठन एवं ‘स्याही प्रकाशन’ की भूरी भूरी प्रशंसा करनी पड़ेगी। यह संगठन मिलजुल कर बनारस में साहित्य व समाज सेवा को लेकर काफी काम कर रहे हैं, जिसमें कि हम सभी को बोलने का अवसर प्राप्त हो रहा है और विचार व्यक्त करते हुए समाज में नेकी को स्थापित करने का सौभाग्य मिल रहा है। कार्यक्रम में विषयोद्घाटन करते हुए साहित्यकार व प्रकाशक श्री कुंठित ने कहा कि साहित्य व समाज की सेवा ही मानवता की सेवा है जिसे करते हुये गगर्व गहन आनन्द की अनुभूति होगी है। यह सेवा परम धर्म है। असक्तों की सेवा पर प्रकाश डालते हुए निदेशक डा. ज्योति भूषण मिश्रा ने दिव्यांगजानों की सेवा को अपना लक्ष्य बताया।

परिचर्चा के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में जिन कवियों ने प्रतिभाग किया उनमें प्रमुख रूप से उद्गार के अध्यक्ष योगेंद्र नारायण चतुर्वेदी वियोगी, उपाध्यक्ष डॉ. लियाकत अली, हर्ष वर्द्धन ममगाई, परमहंस पांडेय परम, श्रीमती शिब्बी ममगाई, महेंद्र नाथ तिवारी अलंकार, खलील अहमद राही, आशिक बनारसी, अशोक श्रीवास्तव भुलक्कड़, मुनींद्र श्रीवास्तव फुर्तीला, सिद्ध नाथ शर्मा सिद्ध, रामनरेश पाल महागावी के साथ गोपाल केसरी उपस्थित थे। इसके अलावा काशी मनीषी महासभा से चंभूषण सिंह, ज्योतिभूषण मिश्रा, शैलेश मिश्रा, अभिषेक उपाध्याय, आशीष पांडेय, राजकुमार सिंह, श्रीमती नीलम देवी, आशीष मिश्रा, मनोज दूबे, शमशेर बहादुर सिंह के साथ अनेक विद्यार्थी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम में आगामी हफ्तों में दिव्यांगों के लिए ट्राई साइकिल वितरण का संकल्प लिया गया। आयोजकों ने फंड संग्रहित कर आगामी सप्ताह में पुनः एक कार्यक्रम का आयोजन कर दिव्यांग जनों के लिए बैटरी व हाथचालित ट्राई साइकिल वितरित करने का संकल्प लिया।