VaranasiInauguration of the cover of the poetry book 'Teri Jeet Meri Haar'

काव्य पुस्तक ‘तेरी जीत मेरी हार’ के आवरण का लोकार्पण


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। अगले महीने तक पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली चर्चित पुस्तक ‘तेरी जीत मेरी हार’ के आवरण का लोकार्पण कवयित्री व लेखिका नीलिमा श्रीवास्तव जी के शिवपुर स्थित निवास पर किया गया।
लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संत अतुलानंद रेसिडेन्शियल अकेडमी, होलापुर की स्वामिनी दिव्या सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रकाशक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ एवं पूर्व मुख्य विकास अधिकारी डा. दयाराम विश्वकर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आलोक द्विवेदी ने एवं संचालन डा. लियाकत अली ने किया।

यह किताब जीवन के मूल्यों से काव्यमय परिचय कराती है और इसमें समाहित सभी गीत लोकाधुनों पर आधारित नवगीत हैं। इस किताब में एक स्त्री के जीवन व उसके दायित्व के साथ-साथ उसकी समुचित तपश्चर्या का भी काव्यमय उल्लेख है। नव गीतों में नव प्रतिमानों का अच्छा प्रतिस्थापन है एवं व्यावसायिक व कामसुदा स्त्री के मन में चलने वाले उथल-पुथल का भी अच्छा समायोजन है।

सभा में प्रकाशक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ द्वारा मुख्य अतिथि दिव्या सिंह का सम्मान किया गया। लेखिका नीलिमा श्रीवास्तव ने अन्य विशिष्ट अतिथियों जैसे डा. दयाराम विश्वकर्मा, छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’, हर्ष वर्द्धन ममगाई, डा. शरद श्रीवास्तव ‘शरद’, सुनिल सेठ व डा. लियाकत अली का अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर स्वागत तथा आदर किया।

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य कवि एवं कवयित्रियों में हर्ष वर्द्धन ममगाई, डॉ. शरद श्रीवास्तव शरद, सुनील सेठ, शिब्बी ममगाई, खुशी मिश्रा, अंजली मिश्रा, स्वयं लेखिका नीलिमा श्रीवास्तव, नीरज सिंह, विनय श्रीवास्तव व एकता मिश्रा सहित कई और गणमान्य जन उपस्थित रहे। सभी ने नीलिमा श्रीवास्तव जी की आगामी पुस्तक ‘तेरी जीत मेरी हार’ के आवरण लोकार्पण पर उनको शुभकामनाएं दिया।

इस अवसर पर श्रीमती नीलिमा श्रीवास्तव ने अपने लेखन यात्रा को कविताओं के माध्यम से लोगों के बीच व्यक्त किया। प्रकाशक ने आगामी किताब की उपयोगिता पर चर्चा की एवं मुख्य अतिथि दिव्या सिंह ने लेखिका को नव गीतों के लिए और आगामी पुस्तक के लिए शुभकामनाएं दी। अध्यक्षीय वक्तव्य आलोक द्विवेदी ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन विनय श्रीवास्तव ने किया।