Embryos created during vitro fertilization (IVF) will not be considered as individuals

विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के दौरान बनाए गए भ्रुण को व्यक्ति नहीं माना जाएगा


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के दौरान बनाए गए भ्रुण को व्यक्ति नहीं माना जाएगा। यह फैसला अलाबामा सुप्रीम कोर्ट के 2022 के फैसले के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि आईवीएफ के दौरान बनाए गए भ्रुण को व्यक्ति माना जाएगा। इस फैसले ने आईवीएफ ट्रीटमेंट को लेकर कई अनिश्चितताएं पैदा कर दी थीं, जिसमें भ्रुण के अधिकारों, गर्भपात के कानूनों और आईवीएफ से जुड़े अन्य मुद्दे शामिल थे।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 के बहुमत से अलाबामा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। न्यायमूर्ति एलेना कगन द्वारा लिखी गई बहुमत की राय में कहा गया है कि आईवीएफ भ्रुण को व्यक्ति नहीं माना जा सकता क्योंकि उनमें गर्भधारण के लिए आवश्यक गुण नहीं होते हैं। इस फैसले का आईवीएफ ट्रीटमेंट पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यह फैसला आईवीएफ ट्रीटमेंट को अधिक सुलभ और सस्ता बनाने में मदद करेगा। यह फैसला गर्भपात के अधिकारों को भी मजबूत करेगा, क्योंकि यह महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती चरण में गर्भपात कराने का अधिकार देता है। हालांकि, इस फैसले की कुछ आलोचना भी हुई है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह फैसला भ्रुण के जीवन के मूल्य को कम करता है। कुछ अन्य लोगों का मानना ​​है कि यह फैसला गर्भपात के अधिकारों को बहुत अधिक विस्तार देता है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आईवीएफ ट्रीटमेंट और गर्भपात के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। यह फैसला लाखों लोगों को आईवीएफ ट्रीटमेंट प्राप्त करने में मदद करेगा और महिलाओं को गर्भपात के अधिकारों की रक्षा करेगा।