मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान ढाबों पर नाम लिखवाने का आदेश रद्द, सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
मुजफ्फरनगर। नगर में कांवड़ यात्रा केदौरान ढाबों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम लिखवाने के विवादित आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। यह मामला उस समय सामने आया जब मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों और ढाबों के मालिकों को अपने नाम की नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था। इस आदेश का विरोध करते हुए कुछ मुस्लिम दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि यह आदेश उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करते हुए पुलिस के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश मनमाना और भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश कानून के तहत दुकानदारों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मुस्लिम समुदाय ने स्वागत किया है। वहीं, हिंदू संगठनों ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है। कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी चिंताएं जताई जा रही हैं। साकाहार और मांसाहार की बहस बढ़ रही है क्योंकि कांवड़ यात्रा हिन्दू धर्म परम्परा से जुड़ा हुआ है।