Central Tribal University will open in the name of mother and daughter, Sammakka and Saralamma

माँ और बेटी, सम्मक्का और सरलाम्मा के नाम पर खुलेगा केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय


अनिवार्य प्रश्न। संवाद


889 करोड़. रुपये की लागत से स्‍थापित किया जाएगा यह विश्वविद्यालय
11 विभागों वाले पांच कॉलेजों के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम होंगे उपलब्‍ध


नई दिल्ली। राज्यसभा में तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक, 2023 पारित किया गया।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करेगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा जनजातीय समुदायों के बीच अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
राज्यसभा ने विगत 13 दिसंबर, 2023 को तेलंगाना राज्य के मुलुगु में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में और संशोधन करने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक, 2023 पारित किया है। लोकसभा द्वारा यह विधेयक 7 दिसंबर, 2023 को पारित किया गया था।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि तेलंगाना के लोगों से किया गया एक और वादा पूरा किया गया है। उन्होंने इस विधेयक को अमलीजामा पहनाने के लिए अपना वोट करने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का पारित होना देश में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बेहतर बनाने की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह विश्वविद्यालय जनजातीय कला, संस्‍कृति, रीति-रिवाज एवं पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों की गुणवत्ता जैसे विषयों सहित आदिवासी समुदायों के बीच अनुसंधान को बढ़ावा देगा। साथ ही विभिन्न राज्यों में हमारे आदिवासीयों के लिए प्रगति का अग्रदूत सिद्ध होगा।
केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 द्वारा संविधान के तहत परिकल्पित आरक्षण द्वारा एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस के अधिकारों को सुनिश्चित किया गया है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि ईरान ने अपने यहां इस नीति को लागू करने के लिए एनईपी 2020 का फारसी अनुवाद किया है और मॉरीशस ने भी अपने देश में एनसीईआरटी की तरह एक संस्थान विकसित करने में भारत का सहयोग मांगा है।
यह विश्वविद्यालय 889.07 करोड़. रुपये की लागत से स्‍थापित किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में 11 विभागों वाले पांच कॉलेजों के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्‍ध होंगे। इस जनजातीय विश्वविद्यालय के संचालन के प्रारंभिक सात वर्षों के लिए कुल 2790 यूजी और पीजी छात्रों का नामांकन प्रस्तावित किया गया है। इसकी स्थापना से संकाय और गैर-संकाय पदों के रूप में प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा, यह आउटसोर्सिंग/संविदा आधार पर रोजगार के अवसर भी जुटाएगा। इसके परिणामस्वरूप कई सेवाओं और वाणिज्यिक गतिविधियों के माध्यम से इसके आस-पास के क्षेत्रों का विकास होगा जिसके कारण अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
विशेष बात यह है कि इस विश्वविद्यालय का नाम माँ और बेटी, सम्मक्का और सरलाम्मा (आमतौर पर सरक्का के नाम से जाना जाता है) के नाम पर सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय रखा गया है, जिन्हें तेलंगाना के आदिवासी समुदायों की रक्षा के लिए भेजी गई आदि पराशक्ति की अभिव्यक्ति माना जाता है।